एशियाई आशाएँ जीवंत रखने से खुश है जापान

सोमवार, 28 जून 2010 (18:43 IST)
जापानी कोच ताकेशी ओकादा ने कहा कि विश्व कप में एशिया की एकमात्र टीम बची होने के कारण पराग्वे के खिलाफ मंगलवार को होने वाले अंतिम सोलह के मुकाबले में उनके खिलाड़ी अधिक प्रेरणादायी प्रदर्शन करेंगे।

ओकादा ने कहा कि अपने चिर प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के बाहर होने का उन्हें खेद है जिसे शनिवार को उरुग्वे ने 2-1 से हराया, लेकिन इससे उनकी टीम पहली बार क्वार्टर फाइनल में पहुँचने के लिए अधिक दृढ़ हुई है।

उन्होंने कहा बेशक, मेरा मानना है कि हमें अतिरिक्त प्रतिष्ठा के साथ खेलना होगा क्योंकि अब हम एशिया के अकेले प्रतिनिधि हैं। मेरी पराग्वे को हराने की इच्छा इससे और दृढ हुई है।

इस बीच कोरिया के राष्ट्रपति ली म्यूंग बाक ने भी कनाडा में जी आठ सम्मेलन के दौरान जापानी प्रधानमंत्री नाओतो कान से कहा कि उन्हें आशा है कि जापान एशिया की तरफ से क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहेगा। इससे भी जापानी टीम का मनोबल बढ़ा है।

दक्षिण कोरिया, जिसके जेहन में अब भी 1910 से 1945 तक के जापानी राज की कड़वी यादें हैं, 2002 में विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुँचा था, जो इस फुटबॉल महासमर में किसी भी एशियाई टीम का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है। दक्षिण कोरिया के इस प्रदर्शन से ही प्रेरणा लेकर ओकादा ने भी सेमीफाइनल तक पहुँचने का अपना लक्ष्य रखा है। (भाषा)

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