ओजिल के गोल से जर्मनी अंतिम 16 में

गुरुवार, 24 जून 2010 (08:00 IST)
PTI
मेसुत ओजिल के दूसरे हॉफ में दागे गोल की बदौलत तीन बार के चैम्पियन जर्मनी ने फीफा विश्व कप के ग्रुप डी के अहम मैच में घाना पर 1-0 की जीत के साथ नॉकआउट में प्रवेश किया जबकि अफ्रीकी टीम भी हार के बावजूद बेहतर गोल अंतर के कारण अंतिम 16 में जगह बनाने में सफल रही।

पिछले मैच में सर्बिया के हाथों शिकस्त झेलने वाले जर्मनी के लिए मैन आफ द मैच ओजिल ने 60वें मिनट में गोल दागा जो निर्णायक साबित हुआ।

जर्मनी इस जीत के बाद तीन मैचों में दो जीत और एक हार से छह अंक के साथ ग्रुप में चोटी पर रहते हुए अगले दौर में प्रवेश कर गया जहाँ उसका मुकाबला 27 जून को ग्रुप सी की दूसरे नंबर की टीम इंग्लैंड से होगा।

दूसरी तरफ घाना के इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया के बराबर चार अंक रहे लेकिन वह बेहतर गोल अंतर आधार पर अंतिम 16 में पहुँच गया। ग्रुप के एक अन्य मैच में ऑस्ट्रेलिया ने सर्बिया को 2-1 से हराया।

घाना ने ग्रुप मैचों में दो गोल किए जबकि उसके खिलाफ भी दो गोल हुए जिससे उसका गोल अंतर शून्य रहा जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह गोल हुए और वह तीन गोल ही कर पाया, जिससे माइनस तीन के गोल अंतर के कारण टूर्नामेंट में उसका सफर थम गया।

घाना अब प्री क्वार्टर फाइनल में 26 जून को ग्रुप सी में शीर्ष पर रहने वाले अमेरिका से भिड़ेगा। घाना को अगर मगर की स्थिति से बचने के लिए नॉकआउट में जगह बनाने के लिए केवल ड्रॉ की दरकार थी लेकिन जर्मनी ने उसकी उम्मीदों को धूमिल कर दिया।

यह मैच रिकॉर्ड के लिहाज से भी अहम रहा जब विश्व कप इतिहास में पहली बार दो भाई एक-दूसरे के खिलाफ मैदान पर उतरे। मैनचेस्टर सिटी से हाल में अनुबंध करने वाले जिरोम बोएटैंग ने जर्मनी की ओर से शुरुआत की जबकि उनके सौतेले बड़े भाई केविन प्रिंस बोएटैंग घाना की तरफ से मैदान में उतरे।

इस मैच से पहले ग्रुप में शीर्ष पर चल रही घाना ने मैच की सकारात्मक शुरुआत की लेकिन मैच में पहला मौका तीन बार की चैम्पियन जर्मनी ने बनाया। निलंबित मिरोस्लाव क्लोसे की जगह शुरुआत करने वाले ककाउ ने तीसरे मिनट में दमदार शॉट मारा लेकिन यह सीधा घाना के गोलकीपर रिचर्ड किंगसन के हाथ में पहुँच गया।

घाना को 15 मिनट बाद मौका मिला जब क्वाद्वो आसामोह ने गेंद बॉक्स में आसामोह ज्ञान के लिए बढ़ाई लेकिन बास्तियन स्वेनस्टीगर ने चपलता दिखाते हुए इस हमले को नाकाम कर दिया।

दोनों टीमों को 25वें मिनट में गोल करने के बेहतरीन मौके मिले लेकिन पहले घाना जबकि बाद में जर्मनी के असफल रहे। घाना के आंद्रे आयू जर्मनी के डिफेंडरों को छकाते हुए पेनल्टी क्षेत्र में घुसे लेकिन वह समय पर शॉट लगाने में नाकाम रहे जबकि इसके बाद जर्मनी के मिडफील्डर मेसुत ओजिल को केवल किंगसन को छकाना था लेकिन घाना के गोलकीपर ने सतर्कता दिखाते हुए टीम को इस खतरे से बचा लिया।

जर्मनी के कप्तान फिलिप लैम ने इसके बाद ज्ञान के प्रयास को विफल किया। घाना को मध्यांतर से पहले झटका लगा जब काकाउ को पीछे से पकड़ने पर रैफरी ने 39वें मिनट में आयू को पीला कार्ड दिखा दिया जबकि इसके बाद गलत टैकल करने पर रैफरी ने जर्मनी के थामस म्यूलर को भी पीला कार्ड दिखाया।

मध्यांतर के बाद जर्मनी की टीम हावी रही और पहले पाँच मिनट का खेल अधिकांश समय घाना के हॉफ में खेला गया। घाना के आसामोह को टीम को बढ़त दिलाने का सुनहरा मौका मिला लेकिन 52वें मिनट में उनके दमदार शाट को जर्मनी के गोलकीपर मैनुअल नुएर ने बाहर की ओर धकेल दिया।

ओजिल ने इसके बाद वह गोल दागा जिसका जर्मनी के प्रशंसकों को इंतजार था। इस मिडफील्डर ने पेनल्टी बाक्स के किनारे से गेंद को हवा में ऐसा लहराया कि घाना के गोलकीपर किंगसन सिर्फ गेंद को देखते ही रह गए और विरोधी टीम ने बढ़त बना ली।

घाना ने भी अगले ही मिनट पलटवार किया लेकिन जान पैंटसिल के शाट को जिरोम ने नाकाम कर दिया जबकि कप्तान लैम ने गोल की ओर से जा रहे आयू के शाट को रोककर अफ्रीकी देश की बराबरी की उम्मीदें तोड़ दी।

अंतिम 20 मिनट में घाना ने लगातार हमले बोले जिससे जर्मनी का डिफेंस दबाव में आ गया लेकिन जोकिम लोव की टीम ने सभी हमलों को विफल करते हुए हमेशा विश्व कप के पहले दौर से आगे बढ़ने का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा। (भाषा)

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