जापान और डेनमार्क आमने-सामने

बुधवार, 23 जून 2010 (19:49 IST)
फीफा विश्व कप के दूसरे दौर में पहुँचने की जंग जारी है। इसी के तहत जापान और डेनमार्क की टीमें भी ग्रुप 'ई' से अगले चरण में पहुंचने के लिए निर्णायक मुकाबले में भिड़ेंगी।

जापान को अंतिम 16 में पहुँचने के लिए कम से कमड्रॉ की दरकार है जबकि डेनमार्क को हर हाल में जीत चाहिए। ये दोनों टीमें दो मैच खेलकर तीन-तीन अंक अर्जित कर चुकी हैं लेकिन जापान की टीम का गोल अंतर बेहतर है।

इस ग्रुप से नीदरलैंड्स पहले ही अंतिम 16 में जगह बना चुका है और उसके छह अंक हैं जबकि कैमरून शनिवार को डेनमार्क से 1-2 से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है।

डेनमार्क कोच मोर्टन ओल्सन जापान के खिलाफ रायल बाफोकेंग स्टेडियम में होने वाले मैच को लेकर बहुत उत्साहित हैं और इस मुकाबले को ‘फाइनल’ की तरह देखते हैं।

उन्होंने कहा कि यह निर्णायक मैच है और उम्मीद है कि यह हमारे लिए पहले फाइनल जैसा होगा। ओल्सन ने हालाँकि स्वीकार किया कि जापान को हराना कड़ी चुनौती होगी क्योंकि इस एशियाई टीम ने शुरुआती दोनों मैचों में बेहतर बचाव किया।

जापान ने पहले मैच में मिडफील्डर केईसुके होंडा के शानदार गोल की बदौलत कैमरून को 1-0 से हराया था जबकि दूसरे मैच में जापान 0-1 से नीदरलैंड्स से हार गया था। ओल्सन ने कहा कि आप जब बचाव करने वाली टीमों से खेलते हैं तो गोल दागना कठिन चुनौती होती है।

डेनमार्क ग्रुप मुकाबले में कैमरुन के खिलाफ एक गोल खाकर बाहर होने के कगार पर था लेकिन निकलस बेंडनर और डेनिस रोमेडाल के शानदार गोल की मदद से वापसी करते हुए वह जीत हासिल करने में सफल रहा था। डेनमार्क अपने पहले मुकाबले में नीदरलैंड्स से 0-2 से हार गया था।

जापान ने 2002 विश्व कप की सह मेजबानी की थी और वह इस महाकुंभ के दौरान अंतिम 16 में जगह बनाने में सफल भी रहा था।

टीम के कप्तान माकोतो हासेबे ने कहा कि कोच ने हमसे कहा है कि जिंदगी में आप को विश्व कप के अंतिम 16 में पहुँचने के चुनिंदा मौके ही मिलते हैं, इसलिए इस मैच में आपको सब कुछ झोंक देना है। (भाषा)

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