देश में चल रहे विश्व सिरीज हॉकी टूर्नामेंट को फीका करने की नाकाम कोशिश करने के लिए हॉकी इंडिया के महासचिव नरेन्द्र बत्रा पर आरोप लगाते हुए पंजाब हॉकी एसोसिएशन के सचिव सुरिंदर सिंह सोढ़ी ने कहा है कि इस टूर्नामेंट में राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति नहीं देने से नुकसान खिलाड़ियों और हॉकी खेल को हुआ है।
जालंधर में बतौर पुलिस उप महानिरीक्षक के तैनात सोढ़ी ने भाषा से बातचीत में कहा हॉकी इंडिया ने जैसे कहा हमने वैसा ही किया लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने ओलिम्पिक शिविर की घोषणा कर चोटी के 48 खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में खेलने से रोक कर इसे फीका करने का नाकाम प्रयास किया।
पूर्व ओलंपियन ने दावा किया कि बत्रा की कोशिश नाकाम रह गई है और यह टूर्नामेंट काफी लोकप्रिय हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ऐसे ही अगर चलता रहा तो यह आगामी तीन चार सालों में आईपीएल जैसे लोकप्रिय टूर्नामेंट को कड़ी टक्कर देगा।
ओलिम्पिक में अंतिम बार स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम के सदस्य रह चुके सोढ़ी ने कहा हॉकी इंडिया महासचिव के कहने पर डब्ल्यूएसएच का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि ओलिम्पिक क्वालिफायर के बाद वह खिलाड़ियों को मुक्त कर देंगे ताकि वह डब्ल्यूएसएच में खेल सकें।
उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही उन्हें इस बात का अंदाजा लगा कि इससे भारतीय हॉकी फेडरेशन की लोकप्रियता बढ़ेगी तो उन्होंने खिलाड़ियों को मना कर दिया।
चैंपियंस ट्राफी में कांस्य पदक विजेता हॉकी टीम के कप्तान रह चुके सोढ़ी ने आरोप लगाया कि जब इसकी शुरुआत 29 फरवरी से शुरू हुई तो बत्रा ने गड़बड़ी कर दी और खिलाड़ियों के लिए शिविर की घोषणा कर उन्हें इसमें आने से रोक दिया।
सोढ़ी ने कहा ओलिम्पिक के लिए चुने गए खिलाड़ी अगर इस टूर्नामेंट में खेलते तो उनका अच्छा अ5यास होता। शिविर तो एक महीने बाद भी लगाया जा सकता था लेकिन बत्रा नहीं माने। इससे नुकसान हॉकी और खिलाड़ियों का हुआ है। 40 दिन के इस टूर्नामेंट में प्रत्येक खिलाड़ी को 25-30 लाख रुपए मिल जाते।
उन्होंने यह भी कहा हॉकी और खिलाड़ियों का नुकसान करा कर हॉकी इंडिया किसका फायदा कराने के बारे में सोच रही है यह समझ से परे है। अगर वे खिलाड़ी इसमें खेलते तो शायद हॉकी को और बढ़ावा मिलता तथा इसके साथ-साथ ओलिम्पिक के लिए विदेशी खिलाड़ियों के साथ अच्छी प्रैक्टिस हो जाती।
सोढ़ी अपनी बात दोहराते हुए कहा कि बत्रा सहित हॉकी इंडिया के लोगों ने इस टूर्नामेंट को फीका करने की कोशिश की लेकिन वह अपनी मंशा में कामयाब नहीं हुए। (भाषा)