टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

WD Sports Desk

सोमवार, 4 नवंबर 2024 (11:41 IST)
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली निराशाजनक हार को अपने करियर का सबसे बुरा दौर बताया और टेस्ट श्रृंखला में मिली हार की पूरी जिम्मेदारी ली।भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में रविवार को यहां 25 रन से हार का सामना करना पड़ा जिससे उसे पहली बार घरेलू मैदान पर 0-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

1932 से भारत के टेस्ट इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है जब भारत अपनी ही जमीन पर 0-3 से टेस्ट सीरीज मैच हारा हो। हालांकि इससे पहले 99-00 में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 2-0 से सीरीज हराई थी। तब दक्षिण अफ्रीका ने 163 रनों का पीछा वानखेड़े स्टेडियम पर किया था। जो आज भी इस पिच पर चौथी पारी में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है।

भारतीय टीम 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 121 रन पर ऑल आउट हो गई।रोहित ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘इस तरह का प्रदर्शन मेरे करियर का सबसे बुरा दौर होगा और मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।’’उन्होंने कहा कि घरेलू मैदान पर इस तरह से टेस्ट श्रृंखला गंवाने को ‘आसानी से पचाया’ नहीं जा सकता है।

रोहित ने कहा, ‘‘श्रृंखला गंवाने की बात पचाना मुश्किल है। श्रृंखला हारना, टेस्ट मैच हारना कभी भी आसान नहीं होता। यह आसानी से पचने वाली बात नहीं है। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला। न्यूजीलैंड ने पूरी श्रृंखला में बेहतर प्रदर्शन किया। हमने कई गलतियां कीं। ’’

रोहित ने कहा, ‘‘पहले दो टेस्ट में हमने पहली पारी में ज्यादा रन नहीं बनाए। इस मैच में हमने 28 रन की बढ़त हासिल की और फिर मिले लक्ष्य को हासिल किया जा सकता था।’’उन्होंने कहा, ‘‘हम एक इकाई के रूप में विफल रहे। जब आप इस तरह के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो आप चाहते हैं कि बोर्ड पर रन बने। यह मेरे दिमाग में था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जब जो चाहते हो ऐसा नहीं होता तो यह अच्छा नहीं लगता। ’’

भारतीय कप्तान ने यह भी स्वीकार किया कि वह अपने खुद के प्रदर्शन से भी निराश हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ खास योजनाओं के साथ मैदान में उतरता हूं और इस श्रृंखला में वे योजनाएं सफल नहीं हो पाईं। हमने इन परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला और इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ’’

रोहित ने कहा, ‘‘मैं कप्तान के रूप में और बल्लेबाजी में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाया। एक इकाई के रूप में हम मिलकर अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे। ’’अपनी बल्लेबाजी के बारे में विस्तार से बताते हुए कप्तान ने कहा कि वह अपने खेल की समीक्षा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा डिफेंस। मैंने क्रीज पर बहुत ज्यादा देर तक नहीं खेला तो मैंने बहुत ज्यादा डिफेंड नहीं किया। मुझे इस पर गौर करने की जरूरत है। मैं अपनी टीम को अच्छी स्थिति में रखने की कोशिश करता हूं, लेकिन कभी कभार आप दूसरी तरफ हो जाते हैं। ’’

A frame of life for Rohit Sharma.  pic.twitter.com/7HKMqftntP

— POTT⁷⁶⁵ (@KlolZone) November 3, 2024
रोहित ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने डिफेंस पर भरोसा खो दिया है। मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने इस श्रृंखला में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की है। लेकिन सिर्फ दो श्रृंखला ही ऐसी रही हैं जिनमें मैंने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे जैसे आप आगे बढ़ते हो, आप कोशिश करते हो और सुधार करने की कोशिश करते हो कि मैं और क्या कर सकता हूं। ऐसा भी हो सकता है कि आप ऐसा नहीं हो लेकिन मैं फिर से देखूंगा। ’’

भारत को न्यूजीलैंड से यह शर्मनाक हार मिली जो श्रीलंकाई टीम से 0-2 से हारने के बाद यहां पहुंची थी और उसका स्टार बल्लेबाज केन विलियमसन भी चोट के कारण टीम में शामिल नहीं था।

अब भारत को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है जिसमें मेहमान टीम ने अपने पिछले दो दौरों में जीत हासिल की है।जब रोहित से पूछा गया कि ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में युवा बल्लेबाजों के लिए यह कितना मुश्किल होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत चुनौतीपूर्ण होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बारे में बहुत बात करते हैं। सही मानसिकता बनाये रखना चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया उन सभी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा जो वहां नहीं गए हैं। हमें ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां वे सुरक्षित महसूस करें और इस बात से भयभीत नहीं हों कि वे कहां खेल रहे हैं और किसके खिलाफ खेल रहे हैं। ’’

उन्होंने कोच गौतम गंभीर की अगुआई वाले नए सहयोगी स्टाफ का भी समर्थन किया जिसमें नीदरलैंड के रेयान टेन डोशेट और पूर्व खिलाड़ी अभिषेक नायर भी शामिल हैं।रोहित ने कहा, ‘‘कोचिंग स्टाफ अच्छा रहा है, वे अभी आए हैं। वे अब भी समझ रहे हैं कि खिलाड़ी और टीम कैसे काम करती है। खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वे उनके लिए चीजों को आसान बनायें।

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