ऑनलाइन शतरंज प्रतियोगिता से जुटाए 15 लाख रुपए

गुरुवार, 7 मई 2020 (16:48 IST)
बेंग्लुरु। कर्नाटक सरकार ने कोरोना से जंग में राहत कार्यों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से यूनाइटेड कर्नाटक शतरंज संघ (एआईसीएफ) के साथ मिलकर मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) के माध्यम से ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट का आयोजन किया और इस टूर्नामेंट से 15 लाख रुपए जुटाए गए। 
 
चेकमेटकोविड चैस टूर्नामेंट का आयोजन दो और तीन मई को एमपीएल एप्प के जरिए किया गया। इस टूर्नामेंट से जुटाई गई राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया जाएगा। इस ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट में भारत का कोई भी निवासी 50 रुपए के शुल्क के साथ भाग ले सकता था। टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि 10 लाख रुपए थी। इस टूर्नामेंट के लिए कुल 19,245 खिलाड़ियों ने अपना पंजीकरण कराया था।
 
चैस ग्रैंडमास्टर अंकित राजपारा ने खिताब जीता और उन्हें एक लाख रुपए का इनाम दिया गया। ग्रैंडमास्टर भक्ति कुलकर्णी ने महिला वर्ग में और  शकुंतला देवी ने 60 वर्ष से अधिक की उम्र में खिताब जीता। दोनों को 25-25 हजार रुपए दिए गए। टूर्नामेंट में एमपीएल एप्प में कुल दो लाख 37 हजार गेम खेले गए। 
 
10 हजार की रैंकिंग तक सभी को कुल पुरस्कार राशि से नगद इनाम दिए गए। टूर्नामेंट में हर बाजी स्पीड चैस फॉर्मेट में खेली गई और हर खिलाड़ी को तीन-तीन मिनट मिले। विजेता का फैसला दो दिनों में जीती गयी अधिकतम बाजी के आधार पर किया गया। 
 
कर्नाटक के खेल मंत्री सी टी रवि ने कहा, 'मैं इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को धन्यवाद देता हूं और विजेताओं को बधाई देता हूं। इस कठिन दौर में हम सभी को मजबूत होकर एकजुट रहना है। कोरोना के कारण कई लोगों का जीवन असामान्य हो गया है। मुझे ख़ुशी है कि इस टूर्नामेंट में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इससे मिलने वाली राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी जाएगी।' 
 
यूनाइटेड कर्नाटक शतरंज संघ के सचिव आर हनुमंत ने कहा, 'हम सरकार और एमपीएल द्वारा कराए गए इस टूर्नामेंट की सराहना करते हैं और हमें ख़ुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने इस ऑनलाइन टूर्नामेंट में भागीदारी की।' 
 
एमपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी साई श्रीनिवास किरन ने कहा, 'हम कर्नाटक सरकार की इस पहल से जुड़कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह वक्त है जब समूचे देश को एक होकर इस महामारी से लड़ना है। इस टूर्नामेंट से एकत्र हुई राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगी।' (वार्ता)

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