गुकेश ने यहां संवाददाताओं से कहा,पहली बाजी में हार झेलने के बाद मुझे मानसिक मजबूती दिखाने की जरूरत थी। विश्व चैंपियनशिप की पहली बाजी गवाना अच्छा नहीं माना जा सकता है लेकिन मैंने पलटवार किया और इसके बाद अच्छी शतरंज खेली।
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, इस बीच मुझे वापसी दिलाने के लिए मेरी टीम ने बहुत अच्छा काम किया। मैं यही सोच रहा था कि यह मुकाबला बेहद दिलचस्प है और मुझे जोखिम उठाने का भी फायदा मिला क्योंकि इससे मैंने उसे निश्चित तौर पर हैरानी में डाल दिया।
उन्होंने कहा,मैं नहीं मानता कि मेरा प्रतिद्वंदी अंक बांटने के लिए खेल रहा था। इस मुकाबले में वह भी कुछ अवसरों पर बेहतर स्थिति में था। यह 14 दौर का मुकाबला है और आप शुरू में ही इसे टाइब्रेक तक ले जाने की योजना नहीं बना सकते हैं क्योंकि शतरंज में गलतियां हमेशा होती हैं। यह मुकाबला अभी तक उतार चढ़ाव वाला रहा है। (भाषा)