विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता बजरंग ने शनिवार को कहा कि कुश्ती ऐसा खेल है जिसने पिछले 3 ओलंपिकों में देश को पदक दिया है। 2008, 2012 और 2016 में इस खेल से देश को पदक मिला है। जो खेल देश के लिए पदक जीतता है, उसे राष्ट्रीय खेल घोषित करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने सरकार से कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने की मांग की थी।
बजरंग गणतंत्र दिवस पर पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल होने से उत्साहित हैं। देश को ओलंपिक में इस खिलाड़ी से सबसे ज्यादा उम्मीद है और बजरंग ने कहा कि इतना बड़ा नागरिक पुरस्कार मिलने से उनसे उम्मीदें और बढ़ेंगी और किसी भी खिलाड़ी को कोई सम्मान मिलता है तो उसकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। यह सम्मान भारत सरकार देती है तो जाहिर है कि लोग उम्मीद करेंगे कि मैं देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखूं।
बजरंग ने कहा कि इस मैच को जीतकर टीम ने सेमीफाइनल में जगह पक्की की। यह मैच हमारे लिए काफी मुश्किल था, क्योंकि हरियाणा की टीम तालिका में सबसे ऊपर है। रजनीश राष्ट्रीय चैंपियन हैं और हम दोनों कई बार भिड़े हैं। मैं 2016 में इस टूर्नामेंट में उनसे हार गया था लेकिन उसके बाद मैंने लगतार 3 बार जीत दर्ज की है। खेल में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। विदेश में अभ्यास करने से उनके खेल में काफी निखार आया है और उनका अगला लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक में दमदार प्रदर्शन करना है।
पिछले साल तबिलिसी ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि जॉर्जिया में प्रशिक्षण करने का फायदा यह हुआ कि वहां अभ्यास में काफी अच्छे खिलाड़ी मिलते हैं। वहां शाको (बेंटिनिडिस) मेरे कोच हैं। मेरा ध्यान अप्रैल में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप और उसके बाद विश्व चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने पर लगा है। विश्व चैंपियनशिप पर ज्यादा ध्यान दे रहा हूं, क्योंकि वहीं से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा। मेरा लक्ष्य ओलंपिक में अच्छा करना है।