हरियाणा का यह पहलवान आज अपना 35वां जन्मदिन मना रहा है, उन्होंने कहा कि वह बजरंग को 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए तैयार करने पर ध्यान लगाए हैं। योगेश्वर ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि बजरंग ओलंपिक पदक के लिए तैयार रहे। वह अच्छा है लेकिन और भी बेहतर कर सकता है। मैं 2020 में भाग नहीं सकता इसलिए बेहतर यही है कि हम बजरंग की मदद करें। वह टोक्यो में स्वर्ण पदक के लिए प्रबल दावेदारों में एक होगा।’
यह पूछे जाने पर कि क्या कुश्ती को छोड़ना क्या आसान फैसला था? योगेश्वर ने कहा, ‘अगर बजरंग नहीं होता तो मैं संन्यास नहीं लेता। मैं और स्पर्धाओं में भाग लेता और शायद एक वजन वर्ग ऊपर हो जाता। लेकिन मुझे लगा कि यह सही फैसला है। वह अभी 24 साल का है। जूनियर स्तर से उसने अपार प्रतिभा दिखाई। मैं भारत के लोगों को अब बजरंग में योगेश्वर को देखना चाहता हूं। मेरा करियर लंबा रहा और मैं नहीं चाहता कि बजरंग इससे प्रभावित हो।’