बजरंग ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपने रास्ते के सभी पहलवानों को धूल चटाते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। बजरंग ने 4 साल पहले इंचियोन एशियाई खेलों में 61 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता था और इस बार वे 65 किग्रा वर्ग में उतरे, जहां उन्हें सीधे प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला।
उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के खासानोव सिरोजिदिन को 13-3 से पीट दिया। क्वार्टर फाइनल में भारतीय पहलवान ने ताजिकिस्तान के अब्दुलकासिम फेजिव को 12-2 से हराया। बजरंग की सेमीफाइनल में भिड़ंत मंगोलिया के बत्मगनई बाचुलुन से हुई और बजरंग ने पहला राउंड 8-0 से जीतने के बाद दूसरे राउंड में जैसे ही 2-0 की बढ़त बनाई और 10-0 के स्कोर पर तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला समाप्त कर दिया। बजरंग का स्वर्ण पदक के लिए जापान के दाइची ताकातानी से मुकाबला होगा।
भारत के 5 फ्री स्टाइल पहलवान पहले दिन 57, 65, 74, 86 और 97 किग्रा वजन वर्ग में उतरे। भारत के लिए इन पहलवानों में सबसे बड़ी निराशा 2 बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का 74 किग्रा में क्वालीफिकेशन में हारना रहा। सुशील को क्वालीफिकेशन में बहरीन के एडम बातीरोव ने 5-3 से हराया। बातीरोव फिर क्वार्टर फाइनल में जापान के पहलवान से हार गए जिससे सुशील का रेपचेज में कांस्य पदक के लिए जाने का सपना टूट गया। (वार्ता)