टीटीएआई महासचिव एमपी सिंह ने बताया, ‘उन्हें पेट संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और उनका उनके निवास पर निधन हो गया।’ वह टेबल टेनिस में द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले कोच थे। उन्होंने अजमेर में स्कूल और कालेज की शिक्षा ग्रहण की थी। कोचिंग में डिप्लोमा लेने के बाद 70 के दशक के मध्य में वह पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से जुड़े थे।
उन्हें 2012 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिससे वह टेबल टेनिस में यह सम्मान पाने वाले पहले कोच बने थे। सिंह ने कहा, ‘भवानी दा के निधन के बारे में सुनकर मैं बहुत दुखी था। वह कई खिलाड़ियों के लिए पितातुल्य थे और उनकी काफी कमी महसूस होगी। मैं उनके परिवार के लिए हार्दिक संवेदना अर्पित करता हूं।’