भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय का मानना है कि मंगलवार से शुरू हो रहे इंडिया ओपन सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरुष एकल में मुकाबला काफी कड़ा है और कोई भी खिताब जीतने का प्रबल दावेदार नहीं है।
पिछले साल विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन करने वाले दुनिया के आठवें नंबर के खिलाड़ी प्रणय अपने घरेलू टूर्नामेंट का खिताब जीतना चाहते हैं।
प्रणय ने सोमवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस के इतर कहा, मेरे नजरिये से पुरुष एकल वर्ग में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धा है। इस वर्ग में रैंकिंग अधिक मायने नहीं रखती। कई खिलाड़ी दुनिया के नंबर एक और नंबर दो खिलाड़ी को हराने की क्षमता रखते हैं। पहला दौर मेरे लिए भी काफी महत्वपूर्ण होगा। (दुनिया के 14वें नंबर के खिलाड़ी) चीनी ताइपे के चाउ टिएन चेन के रूप में मुझे कड़ा प्रतिद्वंद्वी मिला है।
उन्होंने कहा, इंडिया ओपन का खिताब जीतना मेरा सपना है लेकिन अभी मेरी नजरें अभी सिर्फ पहले दौर के मुकाबले पर हैं और उसके बाद देखते हैं कि दूसरे दौर में कौन सा प्रतिद्वंद्वी मिलता है।
दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी और 2022 के पुरुष एकल चैंपियन लक्ष्य सेन ने भी प्रणय से सहमति जताते हुए कहा, प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है और प्रत्येक मैच फाइनल की तरह है। पिछले साल मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा। इस बार मैं अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर उत्सुक हूं।
लक्ष्य को पहले दौर में हमवतन और दुनिया के 31वें नंबर के खिलाड़ी प्रियांशु राजावत से भिड़ना है। इस मुकाबले के संदर्भ में उन्होंने कहा, हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ काफी खेले हैं। हमने जूनियर प्रतियोगिताओं में भी एक-दूसरे का काफी सामना किया है। हम अच्छे दोस्त है। हम दोनों ही पहले दौर के मैच को जीतने की कोशिश करेंगे जिससे मुकाबला काफी रोमांचक होने की उम्मीद है। मैं पहले दौर के मुकाबले को लेकर उत्सुक हूं।
उन्होंने कहा, दो साल पहले मैंने इंडिया ओपन के साथ ही अपना पहला सुपर 500 टूर्नामेंट जीता था। यहां दर्शकों के सामने खेलना काफी अच्छा होता है। मुझे याद है कि पिछले साल दूसरे दौर में मैं काफी खराब खेल रहा था लेकिन इसके बावजूद दर्शक मेरा पूरा समर्थन कर रहे थे। इस तरह दर्शक जब आपका समर्थन करते हैं तो काफी मदद मिलती है।
प्रणय की विश्व रैंकिंग आठ है और वह इस साल होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के प्रबल दावेदार हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह अभी काफी आगे के बारे में नहीं सोच रहे।
उन्होंने कहा, पेरिस ओलंपिक में अभी समय है। मैं दो से तीन हफ्ते से आगे के बारे में नहीं सोच रहा लेकिन निश्चित तौर पर मैं ओलंपिक में खेलना चाहता हूं। इसके लिए अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी।
ओलंपिक को लेकर अपनी तैयारी पर प्रणय ने कहा कि इतने अहम टूर्नामेंट को देखते हुए आपको ट्रेनिंग कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
उन्होंने कहा, इतने व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए आपका ट्रेनिंग कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। आपको कैलेंडर सामने रखकर देखना होता है कि आपको किन टूर्नामेंट के लिए तैयारी करनी है और उसी के अनुसार छह से आठ महीने का कार्यक्रम तैयार करना होता है। दिसंबर में आपको ट्रेनिंग के लिए एक महीना मिल जाता है। आपको काफी पहले ही अपनी ट्रेनिंग की योजना बनानी होती है।
प्रणय ने कहा, मैं (मुख्य कोच) पुलेला गोपचंद, (कोच) गुरुसाईदत्त और अपने ट्रेनर रोहन के साथ मिलकर टूर्नामेंट का चयन करता हूं। यहां आपकी फिटनेस की भी अहम भूमिका होती है। अगर आप 60-70 प्रतिशत फिट हैं तो बेहतर है कि टूर्नामेंट से हट जाएं और अपने शरीर को लेकर जोखिम नहीं उठाएं। टूर्नामेंट की कोई कमी नहीं है। ओलंपिक क्वालीफिकेशन तक मैं अधिक से अधिक टूर्नामेंट में खेलने का प्रयास करूंगा और अप्रैल के बाद शायद चुनिंदा टूर्नामेंट में खेलूं।
प्रणय ने कहा कि 2023 उनके लिए अच्छा रहा और वह 2024 में भी इसी लय को जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, निजी तौर पर 2023 मेरे लिए अच्छा रहा। मैं विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में पदक जीतने में सफल रहा लेकिन अब भी काफी काम बाकी है। पुरुष एकल में मुकाबला काफी कड़ा है और आपको प्रत्येक सप्ताह अपना शीर्ष प्रदर्शन करना होता है। इस साल मेरा लक्ष्य सेमीफाइनल और फाइनल में खेलना नहीं बल्कि टूर्नामेंट जीतना भी है। ओलंपिक को देखते हुए प्रदर्शन में निरंतरता महत्वपूर्ण होगी।
प्रणय ने कहा कि इंडिया ओपन उनके लिए हमेशा से विशेष रहा है और इसे जीतना उनका सपना है।
उन्होंने कहा, इंडिया ओपन हमेशा से मेरे लिए काफी विशेष रहा है। मैं 2012 से इस टूर्नामेंट में खेल रहा हूं। लगभग 12 साल से दिल्ली में इस टूर्नामेंट में खेल रहा हूं। इस टूर्नामेंट को सुपर 750 का दर्जा मिलना भारतीय बैडमिंटन के लिए काफी बड़ी बात है। टूर्नामेंट में अब काफी शीर्ष खिलाड़ी खेलते हैं जिससे प्रतिस्पर्धा काफी अधिक है। मैं इस टूर्नामेंट को जीतना चाहता हूं और इस हफ्ते अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू चोट के कारण बाहर है लेकिन प्रणय ने कहा कि उन्हें ओलंपिक की तैयारी का अनुभव है और उन्हें इसमें अधिक परेशानी नहीं होगी।
उन्होंने कहा, उसने फिर ट्रेनिंग शुरू कर दी है। शायद वह अगले महीने से टूर्नामेंट में खेलना शुरू करेगी। वह पिछले कुछ समय में चोटों से परेशान रही है लेकिन अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर वापसी की कोशिश कर रही है जिसके लिए उसे पूरा श्रेय जाता है। वह पहले ही दो ओलंपिक पदक जीत चुकी है और ओलंपिक स्वर्ण जीतना उसका सपना होगा। वह पहले भी ओलंपिक खेल चुकी है इसलिए उसे ओलंपिक की तैयारी का अनुभव है और इस मामले में वह सबसे आगे है। उसे ट्रेनिंग में देखना होगा कि वह कितना सुधार करके शीर्ष खिलाड़ियों को टक्कर दे पाती है।(भाषा)