पहले दावा किया गया था कि वर्ष 2010 में मेयोर्गा ने रोनाल्डो के साथ अदालत के बाहर मामले को सुलझा लिया था, लेकिन पीड़िता ने फिर दुनियाभर में चलाए गए महिलाओं के ‘हैशटैग मीटू मूवमेंट’ से प्रेरणा लेते हुए रोनाल्डो की असलियत को सार्वजनिक करने का फैसला किया।
हालांकि अदालत के बाहर हुए इस समझौते के तहत मेयोर्गा को अपनी पहचान छुपाए रखनी थी और इसके लिए उन्हें 375,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान भी किया गया था। लॉस वेगास पुलिस ने अगस्त 2018 में मेयोर्गा की अपील पर ही इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन प्राप्त जानकारी की समीक्षा के मद्देनज़र जांच को फिलहाल रोक दिया गया था।