फीफा विश्वकप का आयोजन देश में पहली बार हो रहा है जिसकी शुरुआत छह अक्टूबर से होगी। मेज़बान भारतीय टीम को टूर्नामेंट के ग्रुप 'ए' में शामिल किया गया है जहां उसके साथ अमेरिका, कोलंबिया, घाना की टीमें हैं।
धीरज ने एआईएफएफ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'विश्वकप में गोलकीपिंग करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन मैं इसके लिए शत-प्रतिशत तैयार हूं। हम अपनी विरोधी टीमों का सम्मान करते हैं। लेकिन एक गोलकीपर के रूप में यह मेरा काम है कि मैं उनके सामने एक मजबूत दीवार की तरह खड़ा रहूं और मैं इसकी पूरी कोशिश करूंगा।
यह पूछे जाने पर कि आप अपने गोलकीपिंग को कैसे आंकते हैं? उन्होंने, 'मैं आक्रामक गोलकीपिंग के बीच संतुलन रखना चाहता हूं, जहां मैं बॉक्स पर हावी हूं और गोलकीपर बना रहूं। आपको मैच में समय के अनुसार गोलकीपिंग की शैली में बदलाव करना होगा। कभी-कभी आक्रामक गोलकीपिंग के कारण कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ सकता है। लेकिन एक गोलकीपर के रूप में मेरे लिए दोनों चीज काफी अहम है।'
धीरज ने कहा, 'बलिदान और कड़ी मेहनत के बाद मैं फीफा विश्वकप की टीम में शामिल होने वाली पहली भारतीय टीम का हिस्सा बना हूं और मैं इसमें अपना शत-प्रतिशत देकर इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता हूं।' (वार्ता)