World Chess Championship : लिरेन ने गुकेश को हराकर विश्व शतरंज चैंपियनशिप में की वापसी

WD Sports Desk

मंगलवार, 10 दिसंबर 2024 (12:26 IST)
World Chess Championship D Gukesh vs Ding Liren :  भारतीय चैलेंजर डी गुकेश विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 12वीं बाजी में सोमवार को गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन से हार गए जिससे दोनों का स्कोर 6-6 अंक के साथ बराबर हो गया। लगातार सात ड्रॉ मुकाबलों के बाद 18 साल के गुकेश ने रविवार को 11वीं बाजी में जीत के साथ चीन के खिलाड़ी पर एक अंक की बढ़त कायम की थी लेकिन 32 साल के लिरेन ने अगली ही बाजी में स्कोर बराबर कर दिया।
 
‘क्लासिकल’ प्रारूप के 14 में से 12 बाजियों के बाद दोनों खिलाड़ी खिताब से 1.5 अंक दूर है।
 
चौदह बाजियों के बाद भी अगर परिणाम बराबरी (सात-सात अंक) पर रहा तो विजेता का फैसला ‘फास्टर टाइम कंट्रोल’ मैच से होगा।
 
लिरेन ने इस मैच की शुरुआती बाजी को अपने नाम किया था जबकि गुकेश तीसरी बाजी के विजेता बने थे। इसके आठ मुकाबले बराबरी पर छूटे हैं।

लिरेन की जीत के साथ ही यह तय हो गया कि विश्व चैम्पियनशिप के विजेता का फैसला 14वें दौर में या उसके बाद होगा।
 
सफेद मोहरों से यह लिरेन की पहली जीत है। इस मुकाबले के लिए गुकेश की तैयारी पिछले 11 मैचों की तरह अच्छी नहीं दिखी।
 
 गुकेश ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ चैम्पियनशिप के शुरुआती मुकाबलों के बाद मेरे पास कई मौके थे। आज का मेरा प्रदर्शन जाहिर तौर पर खराब था, लेकिन मैं इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहूंगा। खेल में ऐसा होता है। आप कुल मिलाकर दूसरे चरण की बाजियों को देखें, तो मुझे लगता है कि हम दोनों शुरुआती मुकाबलों की तुलना में बेहतर खेल रहे हैं।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘छह-छह का परिणाम बुरा नहीं है। लेकिन एक दिन पहले मेरे पास बढ़त थी तो इस मैच को गंवाने पर थोड़ी निराशा हो रही है। स्कोर बराबर है और दो बाजियां बची हुई है।’’
 
लिरेन ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप की 12वीं बाजी में उनका प्रदर्शन हाल के दिनों में सर्वश्रेष्ठ रहा है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ कभी-कभी मैं हार के बाद बहुत अच्छा प्रदर्शन करता हूं। यह बहुत महत्वपूर्ण 12वीं बाजी थी। यह शायद हाल के दिनों में मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।’’

लिरेन ने कहा, ‘‘ मैंने आज सिर्फ सर्वोत्तम चालें चलने की कोशिश की और मुकाबले के दौरान मुझे एहसास हुआ कि मेरी स्थिति बहुत बेहतर थी। ड्रा करने का कोई रास्ता नहीं बचा था। मैंने इस पूरी बाजी में अपने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाए।   (भाषा)

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