इन्फेनटिनो ने शुक्रवार को फीफा परिषद की बैठक के बाद कहा कि पहली बार 2018 में विश्व कप में 'वार' का उपयोग किया जाएगा। इसको मंजूरी मिल गई है और हम वास्तव में इस फैसले से बहुत खुश हैं। फुटबॉल के नियमों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ बोर्ड (आईएफएबी) ने 2 सप्ताह पहले ही ज्यूरिख में इस प्रौद्योगिकी को हरी झंडी दिखा दी थी और फीफा परिषद ने उसे अंतिम मंजूरी दी।
इन्फेनटिनो ने कहा कि हम मदद करना चाहते हैं और रैफरी को जब महत्वपूर्ण फैसले करने हों तब उनके लिए अतिरिक्त मदद की संभावना रखना चाहते हैं। विश्व कप में हम कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि 'वार' से रैफरी को मदद मिल रही है और हम अधिक पारदर्शी और साफ-सुथरा खेल चाहते हैं। 'वार' का 2016 से 20 महासंघों ने प्रयोग के तौर पर उपयोग किया। इनमें जर्मन बुंडेसलिगा और इटली की सेरी ए भी शामिल हैं। अब तक लगभग 1,000 मैचों में इसे आजमाया जा चुका है।
वैश्विक तौर पर हालांकि इस प्रौद्योगिकी को समर्थन नहीं मिला और यहां तक कि यूरोपीय फुटबॉल संस्था यूएफा भी अभी इसको लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। यूएफा के अध्यक्ष अलेक्सांद्र सेफरिन ने कहा कि कोई नहीं जानता कि 'वार' कैसे काम करेगी। पहले ही काफी भ्रम हैं। मैं इसके खिलाफ नहीं हूं लेकिन जब इसका उपयोग किया जाएगा तो हमें इसके बारे में बेहतर पता होना चाहिए। हम विश्व कप में देखेंगे।
कोलंबिया के कोच लुई फर्नांडो सुआरेज ने कहा कि विश्व कप से पहले इसका उपयोग अन्य टूर्नामेंटों में व्यापक तौर पर किया जाना चाहिए था। सुआरेज ने कहा कि मुझे यह जल्दबाजी लग रही है। मेरा मानना है कि हमें अन्य टूर्नामेंट में अन्य प्रयोग करने चाहिए थे। इसके बाद उनका अच्छी तरह से विश्लेषण करके इसे अपनाना चाहिए था। (भाषा)