कप्तान अमांडा गोलिनी (Amanda Golini) ने पीटीआई से कहा , अमेरिका में हॉकी उतना लोकप्रिय नहीं है । हम अपने कॉलेजों के लिये खेलते हैं लेकिन उसके बाद कोई पेशेवर ढांचा नहीं है । हम देश में हॉकी के विकास की कोशिश कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा , हमारी कुछ खिलाड़ी सोशल मीडिया प्रबंधन में काम करती हैं तो हमारी गोलकीपर एयरोस्पेस इंजीनियर है । कॉलेज हमें हॉकी खेलने के लिये स्कॉलरशिप देता है जिससे मुफ्त शिक्षा मिल जाती है और हम दूसरे कैरियर में आगे बढ सकते हैं ।
अमेरिका के कोच डेविड पासमोर (David Passmore ) ने कहा , अमेरिका में क्लब कल्चर नहीं है । कॉलेज से निकलने के बाद आपके पास हॉकी खेलने के लिये प्लेटफॉर्म ही नहीं है । या तो आप राष्ट्रीय टीम के लिये खेलें या खत्म । जब मैं यूरोप ये यहां पहली बार आया तो भारत में हॉकी का ढांचा देखकर दंग रह गया था ।(भाषा)