प्रणय ने कहा कि बैडमिंटन काफी तेज रफ्तार खेल है और ब्रेक नहीं मिलने पर आपके पास सांस लेने की भी फुर्सत नहीं होती। आप पसीना नहीं सुखा सकते, पानी नहीं पी सकते, ये सभी नियम खिलाड़ियों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि कई बार हालात अनुकूल नहीं होते तो आपको कोचों की जरूरत पड़ती है, क्योंकि वे ही सबसे अच्छे से बता सकते हैं। इसके अलावा मौजूदा 3 गेम के ढांचे को बेस्ट ऑफ फाइव में बदलने का भी प्रस्ताव है। प्रणय ने कहा कि मैं इस प्रारूप का पक्षधर नहीं हूं, क्योंकि 21 प्वॉइंट का प्रारूप उबाऊ नहीं है। यह उनके लिए फायदेमंद होगा, जो फिट नहीं हैं। (भाषा)