18 साल की उम्र में पैरा विश्व तीरंदाजी चैंपियन बनीं शीतल देवी

WD Sports Desk
शनिवार, 27 सितम्बर 2025 (18:36 IST)
भारत की 18 वर्षीय शीतल देवी ने शनिवार को यहां विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली बिना बाजू वाली पहली तीरंदाज बनकर इतिहास रच दिया और तोमन कुमार ने पुरुष वर्ग में खिताब जीता जिससे देश ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा।भारत के लिए शनिवार को दो विश्व चैंपियन बने जिससे देश ने अभी तक कुल पांच पदक जीत लिए। शीतल ने दिन में इतिहास रचा, उन्होंने महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में तुर्किये की दुनिया की नंबर एक पैरा तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को 146-143 से पराजित कर स्वर्ण पदक जीता।

शीतल स्पर्धा में बिना बाजू वाली एकमात्र पैरा तीरंदाज हैं। वह निशाना लगाने के लिए अपने पैरों और ठुड्डी का इस्तेमाल करती हैं और यह चैंपियनशिप में उनका तीसरा पदक है।बल्कि इससे पहले बिना बाजू वाले किसी तीरंदाज ने स्वर्ण पदक 2022 में दुबई विश्व चैंपियनशिप के दौरान जीता था जिसमें अमेरिका के मैट स्टुट्जमैन पोडियम में शीर्ष पर रहे थे।

इसके बाद उन्होंने अंतिम राउंड में तीन सटीक तीर से 30 अंक बनाकर अपना पहला स्वर्ण पदक पक्का किया।इससे पहले जम्मू कश्मीर की इस तीरंदाज ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोडी ग्रिनहम को 145-140 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।यह खिताबी मुकाबला 2023 पिलसन विश्व चैंपियनशिप का दोहराव था जिसमें गिर्डी ने शीतल को 140-138 से हराया था।कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में शीतल और सरिता को फाइनल में तुर्की से हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

भारतीय जोड़ी ने शानदार शुरुआत करते हुए पहले राउंड में गिर्डी और बुर्सा फातमा उन की तुर्की की जोड़ी पर 38-37 की बढ़त बनाई।भारतीय जोड़ी ने अपने शुरुआती चार तीर से तीन बार 10 अंक जुटाए जबकि तुर्की की जोड़ी केवल एक बार ही 10 अंक बना सकी।तुर्की की तीरंदाजों ने दूसरे राउंड में तीन बार 10 अंक से 39 अंक जुटाकर वापसी की और स्कोर 76-76 से बराबर कर दिया।तीसरे राउंड में भारतीय जोड़ी दबाव में आ गई। शीतल और सरिता एक बार 10, दो बार नौ और एक बार आठ अंक से कुल 36 अंक ही बना पाईं।

तुर्की की जोड़ी ने अधिक निरंतरता दिखाई और उन्होंने एक बार 10 और तीन बार नौ अंक के साथ कुल स्कोर के आधार पर एक अंक की बढ़त हासिल कर ली।गिर्डी और उन ने अगले राउंड में संभावित 40 में से 39 अंक जुटाकर जीत सुनिश्चित की जबकि भारतीय टीम 36 अंक ही बना पाई जिसमें एक तीर सात अंक पर लगा।

तुर्की ने 152-148 से जीत हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।भारत को हालांकि कंपाउंड पुरुष ओपन वर्ग में थोड़ी निराशा हुई क्योंकि श्याम सुंदर स्वामी कांस्य पदक के प्लेऑफ में ब्रिटेन के नाथन मैकक्वीन से 148-141 से हार गए जिससे भारत क्लीन स्वीप करने का मौका चूक गया।स्वामी को सेमीफाइनल में तोमन कुमार ने हराया था। (भाषा)

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