सरदार ने यहां भारतीय खिलाड़ियों के लिए आयोजित विदाई समारोह से इतर यूनीवार्ता को साक्षात्कार में कहा कि भारत एशियाई खेलों में सबसे मजबूत टीम के रूप में उतर रहा है लेकिन हमें मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत रहेगी। यहां स्वर्ण पदक जीतकर टोकियो ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करना एक बड़ी चुनौती रहेगी।
पूर्व कप्तान ने कहा कि हमने हाल में कोरिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज और एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा परिणाम दिया था लेकिन सुधार की हमेशा गुंजाइश रहती है। कुछ कमियां हैं जिन पर हम अपने कैंप में काम कर रहे हैं और उन्हें दूर कर लेंगे। मिडफील्डर ने कहा कि खिलाड़ी एशियाई खेलों को लेकर बेहद रोमांचित हैं। कोच ने हमें जो काम दिए हैं यदि हम उन्हें अच्छी तरह पूरा करते हैं और हमारे बेसिक्स ठीक रहते हैं तो हम एशियाई टीमों को अच्छे अंतर से हरा सकते हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी के रजत पदक और उससे एशियाई खेलों के लिए मनोबल मजबूत होने के बारे में पूछने पर सरदार ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी में हम सभी का लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना था और फाइनल हारने के बाद हम ज्यादा रोमांचित नहीं थे, क्योंकि हमने लक्ष्य हासिल नहीं किया था। इस टूर्नामेंट में हमने विश्व की बड़ी टीमों को हराया था जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है। एशियाई खेल नया टूर्नामेंट है और हर टीम मजबूती के साथ उतरेगी इसलिए हम किसी भी टीम को हल्के में नहीं लेंगे।
कोच हरेंद्र सिंह के टीम पर असर के बारे में सरदार ने कहा कि टीम में लड़ने का जज्बा और समन्वय काफी बेहतर हो चुका है। यह आपने मैदान पर देखा होगा। भारतीय टीम के साथ अब एक भारतीय कोच है। मैं उन्हें 10-15 साल से जानता हूं। वे भी जानते हैं कि सरदार की ताकत और कमजोरी क्या है? हम सभी के संबंध बहुत अच्छे हैं। उन्होंने मुझे जिम्मेदारी दी है और मैं हमेशा यह पसंद करता हूं। सीनियर होने के नाते मेरा काम युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना है और इसी बात से मुझे आत्मविश्वास मिलता है।
ओडिशा में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विश्व कप के लिए सरदार ने कहा कि इस साल हमें एशियाई खेलों के बाद विश्व कप खेलना है, जो बहुत अहम है। फिलहाल हमारा ध्यान एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने पर है जिसके बाद हम विश्व कप की तैयारी करेंगे। (वार्ता)