इसका काफी हद तक श्रेय टीम के संयोजन को जाता है, क्योंकि टीम के पास अहम जगहों के लिए बड़े खिलाड़ी हैं। टीम के कोच अल्बर्ट रोका के मुताबिक कि हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एएफसी कप सेमीफाइनल, फाइनल, फेडरेशन कप फाइनल खेले हैं। हमारी कोशिश मैदान पर जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलने की है। अंतिम एकादश और बेंच पर बैठे खिलाड़ी सभी जानते हैं कि फाइनल में कैसा प्रदर्शन करना होता है।
नॉर्वे से लौटे गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू से लेकर कप्तान सुनील छेत्री और मीकू के पास अच्छा खासा अनुभव है। मीकू स्पेन के क्लब वालेंसिया के यूथ क्लब में खेले हैं। वे स्पेनिश लीग में खेल चुके हैं। उन्हें फरवरी 2016 में स्पेनिश लीग में महीने का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी चुना गया था। उनकी काबिलियत शानदार है लेकिन उनकी परिपक्वता उनके खेल में निरंतरता लेकर आती है।
कप्तान सुनील छेत्री की काबिलियत से सभी वाकिफ हैं और वे नहीं चाहते कि उनकी टीम खुद पर फाइनल का दबाव बनाए। छेत्री ने कहा कि हम यह सोचकर अपने आप पर दबाव नहीं बनाना चाहते कि यह फाइनल है। हम खेल के हर क्षेत्र में निरंतरता रखने में सफल रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी हमें काफी कुछ करने की जरूरत है।
छेत्री ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलें। बेंगलुरु के पास मिडफील्ड में स्पेन के दिमास डेल्गाडो और एरिक पार्टल जैसे अच्छे खिलाड़ी हैं वहीं डिफेंस में जॉन जॉनसन क्लब की शुरुआत से ही टीम के साथ हैं। उन्होंने क्लब को 2 बार आई-लीग और 2016 में एएफसी कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। (भाषा)