भारतीय बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा ने सोशल मीडिया में एक बड़ा खुलासा करते हुए यह कहकर सबको चौंका दिया कि वे भी उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। #MeToo कैम्पेन के जरिए कई महिलाएं अपने ऊपर हुए अत्याचारों और यौन शोषण के बारे में खुलकर सामने आ रही हैं और इसी क्रम में ज्वाला गुट्टा भी शामिल हो गई हैं, लेकिन उनके उत्पीड़न का तरीका दूसरा था।
ज्वाला ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए कहा कि एक अधिकारी ने मुझे मानसिक रूप से इतना अधिक परेशान किया कि मैंने खेलना तक छोड़ दिया था। मेरा शारीरिक उत्पीड़न नहीं हुआ, लेकिन मानसिक उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि मैं परेशान हो गई और मैंने खेल से तौबा कर ली थी।
आज से 12 साल पहले की घटना का उल्लेख करते हुए ज्वाला ने लिखा, 2006 में ये अधिकारी भारतीय बैडमिंटन का चीफ बना था। तब मैं नेशनल चैंपियन थी, लेकिन इसके बाद भी मुझे उसने टीम में शामिल नहीं किया। जब मैं रियो से वापस लौटी तो उसने मुझे नेशनल टीम से बाहर कर दिया।
'अर्जुन पुरस्कार' विजेता और 2012 और 2016 की ओलंपियन ज्वाला ने कहा कि जब वह शख्स कामयाब नहीं हो सका तो उसने मेरे साथियों को धमकियां देकर परेशान किया। उसने मुझे हर तरह से अलग-थलग करने की कोशिश की। रियो ओलंपिक के बाद जिस खिलाड़ी के साथ मुझे मिक्स्ड डबल्स खेलना था, उसे भी धमकी दी गई। मुझे टीम से बाहर कर दिया गया। मैं मानसिक उत्पीड़न से इतनी परेशान हो गई कि मैंने खेलना छोड़ दिया।