ध्यानचंद को ब्रिटिश संसद में मिलेगा ‘भारत गौरव पुरस्कार’

सोमवार, 20 जुलाई 2015 (15:12 IST)
नई दिल्ली। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कामंस में 25 जुलाई को  ‘भारत गौरव पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा जिसे लेने के लिए उनके बेटे और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व  कप्तान अशोक कुमार को आमंत्रित किया गया है।
अशोक ने भोपाल से बातचीत में कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि उन्हें ब्रिटिश संसद में यह  अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिलने जा रहा है। भारत में उन्हें अभी तक भारतरत्न नहीं दिया गया लेकिन  दुनियाभर ने उनके फन का लोहा माना है।
 
पिछले कुछ साल से ध्यानचंद को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न देने की मांग की जा रही  है। पिछली यूपीए सरकार ने चैंपियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान प्रदान किया था।
 
विश्व कप 1975 विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे अशोक ने कहा कि हमें बहुत दुख होता है कि दद्दा  (ध्यानचंद) को अपने ही देश में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है जबकि लंदन ओलंपिक 2012 के  दौरान मेट्रो स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया था और अब यह सम्मान मिल रहा है।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी के लिए उन्होंने जो कुछ किया, वह सभी के सामने है। इसके बावजूद उन्हें  अब तक भारतरत्न नहीं दिया गया, यह समझ से परे है।
 
अशोक ने बताया कि वे और उनका बेटा सम्मान लेने लंदन जाएंगे लेकिन अभी उन्हें वीजा का इंतजार  है। उन्होंने कहा कि मुझे करीब 1 महीने पहले इस सम्मान की जानकारी मिली। मैंने 15 दिन पहले  वीजा के लिए आवेदन किया था लेकिन अभी तक वीजा मिला नहीं है। मुझे उसका इंतजार है और मैं  अपने बेटे के साथ यह सम्मान लेने जाऊंगा।
 
उन्होंने बताया कि यह सम्मान अप्रवासी भारतीयों द्वारा स्थापित संस्था ‘संस्कृति’ देश को गौरवान्वित  करने वाले भारतीयों को प्रदान करती है।
 
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में शुमार ध्यानचंद ने 3 ओलंपिक (1928, 1932, 1936) में  स्वर्ण पदक जीते थे। 1926 से 1948 के बीच अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने 400 से ज्यादा  गोल किए। उन्हें 1956 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'पद्मभूषण' से नवाजा गया था।  (भाषा)
 

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