एशिया कप में सरदार ने मिडफील्ड में प्लेमेकर की भूमिका निभाने की बजाय युवा कप्तान मनप्रीत सिंह के साथ डिफेंडर के रूप में खेला था। हॉकी विश्व लीग फाइनल से उन्हें बाहर किए जाने का मतलब है कि वह नए कोच शोर्ड मारिन की रणनीति में फिट नहीं बैठते। मारिन ने एशिया कप से ठीक पहले रोलेंट ओल्टमेंस को बाहर किए जाने के बाद टीम की कमान संभाली थी।
रूपिंदर और लाकड़ा की वापसी से भारतीय डिफेंस को मजबूती मिलेगी। रूपिंदर मांसपेशी की चोट के कारण पांच महीने बाहर रहने के बाद टीम में लौटे हैं, जबकि घुटने की चोट के कारण रियो ओलंपिक से बाहर रहे लाकड़ा टीम में आते-जाते रहते हैं।
रूपिंदर ने भारत के लिए आखिरी बार हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल से पहले यूरोप दौरे पर खेला था। वहीं लाकड़ा एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी टीम का हिस्सा थे। वह दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में चार देशों के टूर्नामेंट में भी टीम में शामिल थे। इसके बाद से उन्हें पूरी तरह फिट होने के लिए बाहर रखा गया। हॉकी इंडिया के चयनकर्ताओं ने मनप्रीत सिंह को कप्तान बरकरार रखा है, जबकि चिंगलेनसना सिंह उपकप्तान होंगे। (भाषा)