भारोत्तोलन मीराबाई चानू के कोच विजय शर्मा ने कहा है कि इस एथलीट का काम अधूरा और उनमें अभी बहुत कुछ शेष हैं।मोदीनगर में अस्मिता महिला भारोत्तोलन लीग के दौरान 2014 से मीराबाई चानू के साथ जूड़े हुए कोच शर्मा ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) मीडिया से कहा, “पेरिस के बाद, हम दोनों ने भविष्य पर चर्चा की और फैसला किया कि मीराबाई को प्रतिस्पर्धी भारोत्तोलन में बने रहना चाहिए।”
मोदी नगर में भारोत्तोलन सुविधा विकसित कर रहे शर्मा ने कहा, “मैं 2014 से मीराबाई के साथ जुड़ा हुआ हूं और वह बेहद अनुशासित एथलीट हैं। मीराबाई पेरिस में चौथे स्थान पर रहीं और हम दोनों को लगता है कि अभी कुछ और काम करना शेष है। हम अगले राष्ट्रमंडल खेलों (2026 में) और एशियाई खेलों (2026 में नागोया, जापान) पर विचार कर रहे हैं। एशियाई खेलों का पदक नहीं है और हम उसे हासिल करने के लिए अपना सब कुछ झोंक देंगे।”
मीराबाई ने कहा, “मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और चोट से वापस आने के बाद जहां मैंने प्रदर्शन किया, उससे मैं खुश हूं।”
राष्ट्रीय कोच ने कहा कि भारत का भारोत्तोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि महिलाएं कितनी मेहनत करती हैं।
उन्होंने कहा, “भारत में महिला भारोत्तोलन का भविष्य उज्ज्वल है। आपने देखा होगा कि कैसे कर्णम मालेश्वरी ने 2000 में ओलंपिक पदक जीता, फिर मीराबाई चानू ने 2020 में। मैं 25 साल से भारोत्तोलन में हूं, मैं दृढ़ता से कह सकता हूं कि केवल महिलाएं ही हमें 2028 और 2032 में ओलंपिक पदक दिला सकती हैं।”
उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता, पिछले महीने पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही, महिलाओं की 49 किग्रा वर्ग में बहुत कम अंतर से कांस्य पदक से चूक गई थी।