जापान के दक्षिण पश्चिमी शहर कागोशीमा के खेल प्रशिक्षण परिसर में लगाई गई इस मशाल को 'ओलंपिक अक्षय मशाल' कहा जाता है और यह वर्ष 1964 में हुए ओलंपिक की है। यह मशाल तब खबरों में आई थी, जब जापान को 2020 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी मिली थी।
एक अधिकारी ने कहा कि उस वक्त मैं ऐसा कुछ नहीं कह सकता था, जो लोगों के सपनों को तोड़ दे। मैंने अपनी आंखों से 21 नवंबर को मशाल को बुझते देखा था। हमने उसे फिर से जलाया और यह 2 हफ्तों तक चली। यहां अब एक अन्य मशाल है जिसे मैग्नीफाइंग ग्लास और सूर्य की रोशनी की मदद से दिसंबर 2013 में प्रज्वलित किया गया था। (भाषा)