नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों और सीनियर एशियाई चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार से मात खाने और मुकाबले के बाद दोनों पहलवानों के समर्थकों के बीच हुई मारपीट से सुर्ख़ियों में चल रहे वीर मराठा के स्टार खिलाड़ी प्रवीण राणा ने कहा है कि अब वे अपना पूरा ध्यान प्रो रेसलिंग लीग पर केंद्रित कर रहे हैं।
इन दोनों पहलवानों के बीच एशियन चैम्पियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान शुक्रवार को कुश्ती हुई थी, जिसमें सुशील ने प्रवीण को 7-3 से पराजित किया था। कुश्ती के दौरान और उसके बाद हुई घटनाओं से दोनों ही पहलवान बेहद आहत हैं।
राणा ने कहा कि पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका में हुई कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप के दौरान उनकी सुशील के साथ कुश्ती बेहद संघर्षपूर्ण रही थी। उस कुश्ती में वे केवल एक अंक से हारे लेकिन उनमें इस बात का विश्वास ज़रूर पैदा हो गया था कि सुशील को आगे की कुश्तियों में हराया जा सकता है।
राणा ने कहा कि अगर वे लीग में दिल्ली सुल्तांस के सुशील और यूपी दंगल के अब्दुराखमोनोव बेकज़ोद से पिछली हार का हिसाब चुकता करने में सफल हो जाते हैं तो वे उस जीत को अपनी मां को समर्पित करेंगे, जो इस समय तीसरी स्टेज के कैंसर से जूझ रही हैं।
उन्होंने कहा कि ट्रायल मुक़ाबले में अंकों को लेकर उनके साथ ज़्यादती हुई लेकिन अब यह सब अतीत की बातें हो गई हैं। कुश्ती के दौरान और उसके बाद जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन वह अपना पूरा ध्यान कुश्ती पर केंद्रित कर रहे हैं और उन्हें प्रो रेसलिंग लीग में वीर मराठा की उम्मीदों पर खरे उतरना है।
उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूएल में उनके प्रदर्शन से ही उन्हें इस बात का अंदाज़ा लग सकता है कि वे सही दिशा में चल रहे हैं या नहीं और उनका शुरू से यह मानना रहा है कि जीत ही सब कुछ होती है और इसके लिए वे अपनी सारी ताक़त झोंक देंगे। राणा ने कहा कि वे लीग के लिए पूरी तरह से फिट हैं।
दो साल पहले लेवान लोपेज के खिलाफ एक मुक़ाबले में उनका लिगामेंट टूट गया था लेकिन उन्होंने तब भी अपना पूरा मुक़ाबला लड़ा। वे इस वजह से बाहर नहीं बैठना चाहते थे। उन्होंने माना कि उससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ। अब फिटनेस के साथ उनमें आत्मविश्वास भी जगा है कि वे विश्व और ओलंम्पिक चैम्पियनशिप के पदक विजेताओं को हरा सकते हैं।
अपनी टीम के बारे में उनका कहना है कि वीर मराठा काफी संतुलित टीम है। काफी कुछ लीग में खिलाड़ियों की ब्लॉकिंग पर भी निर्भर करेगा। हम फाइनल में पहुंच सकते हैं और उसके बाद कुछ भी हो सकता है। दिल्ली के कुतुबगढ़ इलाके के पहलवान राणा ने कहा कि योगेश्वर दत्त उनके आदर्श हैं। वे सबसे अधिक चार बार ओलिम्पिक में खेल चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके शानदार प्रदर्शन से वे बेहद प्रेरित हुए हैं।