सत्र के इस आखिरी और प्रतिष्ठित फिनाले में सिंधू ने फिर से अपना जोश और जज्बा दिखाया लेकिन शुरुआती बढ़त के बावजूद आखिर में उन्हें यामागुची से 21-15, 12-21, 19-21 से हार झेलनी पड़ी। यह मुकाबला एक घंटे 31 मिनट तक चला।
यह किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में सिंधू की तीसरी हार है। वह पिछले साल रियो ओलंपिक और इस साल ग्लास्गो विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में हार गई थी। इस मैच से पहले सिंधू का यामागुची के खिलाफ रिकार्ड 5-2 था। इनमें शुक्रवार को ग्रुप चरण के आखिरी मैच की जीत भी शामिल थी लेकिन आज भारतीय खिलाड़ी वैसा कमाल नहीं दिखा पाई।
यामागुची ने बेहतर खेल का नजारा पेश किया और वह दमखम के मामले में भी सिंधू से बेहतर साबित हुई। इस साल अपना चौथा सुपर सीरीज फाइनल खेल रही 22 वर्षीय सिंधू इस तरह से साइना नेहवाल से आगे निकलने में नाकाम रही, जिन्होंने 2011 में फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन उन्हें भी अपनी हमवतन भारतीय की तरह रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।