उन्होंने कहा, मैंने 2013 से भारतीय हॉकी के साथ रहकर बहुत कुछ सीखा है। अब मुझे एशियाई खिलाड़ियों के बारे में बेहतर जानकारी है। मैं अब पाकिस्तानी हॉकी को बहुत कुछ दे सकता हूं। ओल्टमेंस 2003-04 में पाकिस्तान के साथ काम कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, मैने हमेशा भारतीय हॉकी या पाकिस्तान के साथ काम करने को चुनौती के रूप में लिया है। इन देशों का विश्व हॉकी में दबदबा रहा है और ये हॉकी खेलने में आए बदलावों के बावजूद अभी भी शीर्ष पर लौट सकते हैं। ओल्टमेंस ने कहा कि आगामी राष्ट्रमंडल खेल पाकिस्तान की युवा टीम के लिए सीखने का मौका होंगे।
उन्होंने कहा, अगर वे शीर्ष तीन में रहते हैं तो यह चमत्कार ही होगा। मैंने एशियाई खेल और विश्व कप को लक्ष्य रखा है, जिसमें मैं पाकिस्तान को पदक जीतते देखना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य अगले ओलंपिक है। (भाषा)