प्योंगयोंग। ल्यूज एथलीट शिवा केशवन तथा क्रॉस कंट्री स्कायर जगदीश सिंह शुक्रवार से दक्षिण कोरिया में शुरू होने जा रहे प्योंगयोंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से दावेदारी पेश करेंगे।
36 साल के केशवन छठी बार शीतकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे हैं, जो उनके करियर के आखिरी ओलंपिक खेल भी हैं, जहां उनका लक्ष्य इस बार धमाकेदार विदाई के साथ इन खेलों को यादगार बनाना है। उन्होंने जापान के नागानो में 1998 में हुए खेलों से पदार्पण किया था। वह इससे पहले वर्ष 1998, 2002, 2006, 2010 और 2014 ओलंपिक खेलों में भाग ले चुके हैं।
दूसरी ओर जगदीश के लिए 9 से 25 फरवरी तक चलने वाले प्योंगयोंग ओलंपिक उनके करियर का पहला ओलंपिक होगा। ल्यूगर केशवन के अलावा एल्पाइन स्कायर नेहा आहुजा और हीरा लाल तथा बहादुर गुप्ता (क्रॉस कंट्री स्की) भी भारतीय टीम का हिस्सा होंगे। ये 2006 इटली ओलंपिक में भी हिस्सा ले चुके हैं।
24 साल के शिवा ने खेलों से पूर्व कहा था, संभवत: यह मेरा आखिरी ओलंपिक होगा। मेरे लिए क्वालिफिकेशन ज्यादा मायने नहीं रखता। लेकिन करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। युवा ओलंपियन शिवा अब तक चार स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक अपने नाम कर चुके हैं।
शिवा की मां इटली की हैं और पिता केरल निवासी, जो मनाली में रेस्तरां चलाते हैं। शिवा को अपनी मां के देश इटली से खेलने के कई प्रस्ताव मिले, पर उन्होंने हर बार भारत को ही अपनी प्राथमिकता दी है। शिवा को 2012 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
खेल मंत्रालय ने पिछले महीने ही टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत अभ्यास के लिए शिवा को 20 लाख रुपए की राशि की घोषणा की थी। शिवा को दो सप्ताह पहले ही जर्मनी में हाथ में हेयरलाइन फ्रेक्चर हुआ था। वर्ष 2010 के वैंकूवर विंटर ओलंपिक की टीम से केशवन, जामयांग नामगियाल (एल्पाइन स्की) और ताशी लुनडुप (क्रॉस कंट्री स्कायर) हिस्सा ले रहे हैं।
वर्ष 2014 में रूस के सोच्चि ओलंपिक में खेल चुके केशवन, हिमांशु ठाकुर (एल्पाइन स्की) और नदीम इकबाल (क्रॉस कंट्री) शामिल हैं। प्योंगयोंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में इस बार 92 देशों के 2952 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। ये खिलाड़ी सात खेलों के 15 स्पर्धाओं में 102 स्वर्ण पदक के लिए दांव लगाएंगे। इसमें स्कीइंग, स्केटिंग, ल्यूज, स्की जंपिंग, आइस हॉकी, स्नो बोर्डिंग जैसे खेल शामिल हैं।
प्योंगयोंग में इस समय माइनस 10-20 डिग्री तक तापमान बना हुआ है। यह वर्ष 1994 के बाद सबसे ठंडा शीकालीन ओलंपिक भी होगा। इससे पहले वर्ष 1994 में नॉर्वे के लिलीहैमर में हुए शीतकालीन ओलंपिक में पारा माइनस 25 डिग्री तक गिर गया था। (वार्ता)