पिछले महीने नागल ग्रैंडस्लैम में 35 साल में वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हराने वाले पहले भारतीय बने थे। उन्होंने पहले दौर में दुनिया के 27वें नंबर के कजाखस्तान के एलेक्जैंडर बुबलिक को हराकर उलटफेर किया था, हालांकि दूसरे दौर में वह चीन के जुनचेंग शांग से हार गये थे।
नागल ने रविवार को चेन्नई में मिली जीत के बाद कहा, मैं बहुत भावुक हूं। हर टेनिस खिलाड़ी का सपना कम से कम शीर्ष 100 में पहुंचना होता है। जैसा कि मैंने पहले कहा कि अपने देश के घरेलू दर्शकों के सामने यह मैच जीतना शानदार है, इसके लिए इससे बेहतर जगह नहीं हो सकती थी।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि इसे बयां करने के लिए शब्द थे। हर कोई रो रहा था। शब्द कम थे, आंसू ज्यादा। मैं अब भी बहुत भावुक हूं। पिछले साल मेरी रैंकिंग 500 थी, जिसके बाद मेरी सर्जरी हुई और वित्तीय सहयोग भी नहीं था तो पिछला साल काफी मुश्किल रहा।