आनंद ने दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी कार्लसन को नौवें दौर में हराकर 2013 विश्व चैंपियनशिप में मिली हार का बदला चुकता कर लिया। उन्होंने 2013 में यह खिताब कार्लसन को गंवाया था जबकि 2003 में उन्होंने फाइनल में ब्लादीमिर क्रैमनिक को हराकर खिताब जीता था। वे आखिरी 5 राउंडों की शुरुआत के वक्त संयुक्त दूसरे स्थान पर थे, जब रूस के ब्लादीमिर फेडोसीव और इयान नेपोम्नियाश्चि के भी 15 में से 10-5 अंक थे। आनंद ने टाईब्रेकर में फेडोसीव को 2-0 से हराकर खिताब जीता।
आनंद ने 14वें राउंड में सफेद मोहरों से रूस के अलेक्जेंडर ग्रिसचुक को हराने से पहले 2 ड्रॉ खेले। दूसरी ओर कार्लसन को रूस के ब्लादीस्लाव अर्तेमीव ने ड्रॉ पर रोका जिससे आनंद उनके साथ संयुक्त शीर्ष पर आ गए। आखिरी दौर में आनंद ने चीन के बू शियांग्जी से ड्रॉ खेला जबकि कार्लसन को ग्रिसचुक के हाथों अप्रत्याशित हार झेलनी पड़ी।