पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, टोक्यो में बदलूंगी ओलंपिक पदक का रंग
मंगलवार, 30 जुलाई 2019 (16:46 IST)
नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास बनाने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि उनका अगला लक्ष्य 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में अपने पदक का रंग बदलना है।
26 वर्षीय साक्षी ने जापान के स्पोर्ट्स परफार्मेंस ब्रांड एसिक्स का ब्रांड एम्बेसेडर बनने के बाद मंगलवार को विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, मुझे पहले कजाखिस्तान में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है और मैं इसी चैंपियनशिप से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहूंगी। इसके बाद मेरे पास पूरे एक साल का समय अपनी तैयारी के लिए रहेगा और मुझे भरोसा है कि मैं टोक्यो में पदक भी जीतूंगी और पदक का रंग भी बदलूंगी।
2016 के रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी साक्षी ने कहा, मैंने अपने खेल और कमियों पर मजबूती से काम करना शुरू कर दिया है। मैं इस बात पर पूरा ध्यान दे रही हूं कि मैं पीछे कहां गलती करती थी और मुकाबले हार जाती थी। दरअसल मेरा खेल आक्रामक रणनीति पर टिका हुआ है लेकिन पिछले कुछ समय में मैंने यह गलती की थी कि बढ़त बनाने के बाद मैं रक्षात्मक हो जाती थी और अंत में अंक दे बैठती थी।
लखनऊ में हाल में विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल जीतने वाली साक्षी ने कहा, मैंने इस रणनीति को अब पूरी तरह बदल दिया है। मेरा लक्ष्य रहेगा कि मैं पूरे मैच में ही आक्रामक अंदाज़ में खेलूं चाहे फिर मेरे पास बढ़त क्यों न हो। यदि मैं पूरे 6 मिनट आक्रामक अंदाज़ में खेलती हूं तो मैं किसी भी विपक्षी पहलवान को हरा सकती हूं।
लगभग 2 साल पहले के अपने बयान कि जापानी पहलवानों को हराने के लिए मुझे दूसरा जन्म लेना पड़ेगा, के बारे में पूछने पर साक्षी ने कहा, अगला ओलंपिक टोक्यो में है जहां हमारा सामना जापानी पहलवानों से होना है। जब मैंने यह बात कही थी तब हम कई मुकाबले जापानी पहलवानों से हार रहे थे और उस समय मैंने मजाकिया अंदाज़ में यह बोला था। लेकिन मीडिया ने इसे गंभीरता से ले लिया। लेकिन अब जब हम दूसरे देशों के पहलवानों को हरा रहे हैं तो जापानी पहलवानों को भी हरा सकते हैं। इसलिए मुझे अब जापानी पहलवानों को लेकर कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने बताया कि विश्व चैंपियनशिप के प्रत्यके वजन वर्ग में 6 शीर्ष पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलना है और वह कजाखिस्तान से ही ओलंपिक का टिकट हासिल करना चाहेंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय पहलवान विश्व चैंपियनशिप से एक-दो सप्ताह पहले कजाखिस्तान चले जाएंगे और वहीं अपनी तैयारी मजबूत करेंगे।
साक्षी ने रियो के बाद के 3 वर्षों को अपने जीवन के लिए अभूतपूर्व बताते हुए कहा, इन 3 वर्षों में मुझे इतना मान-सम्मान मिला, जिसका सपना मैंने कभी नहीं देखा था। ये 3 साल कब निकल गए मुझे पता नहीं चला। लेकिन मैं टोक्यो के लिए कड़ी तैयारी कर रही हूं, ताकि रियो की कामयाबी को टोक्यो में दोहरा सकूं। मेरा एकमात्र लक्ष्य टोक्यो में अपने पदक का रंग बदलना है।
इस अवसर पर मौजूद एसिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रजत खुराना ने कहा कि साक्षी इस समय देश के बड़े पहलवानों में से एक हैं और उनके साथ करार कर उन्हें बहुत खुशी है। रजत ने साथ ही कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि साक्षी टोक्यो में भी पदक हासिल करेंगी। एसिक्स ने हाल ही में विश्व के नंबर एक पहलवान बजरंग पुनिया से भी करार किया था।