भारत की 27 सदस्यीय टीम से किसी पदक की उम्मीद नहीं थी, लेकिन इस विश्व चैंपियनशिप में टीम ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले, पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज और महिला भाला फेंक के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। लंबी कूद में 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज का कांस्य पदक विश्व चैंपियनशिप में अब तक भारत का एकमात्र पदक है।
गोपी ने दो घंटे 15 मिनट और 57 सेकंड का समय लिया और स्पर्धा को पूरा करने वाले 55 धावकों में शीर्ष हाफ में जगह बनाई। इस स्पर्धा का आयोजन लगभग 29 डिग्री सेल्सियस तापमान और लगभग 50 प्रतिशत आर्द्रता में किया गया। मध्यरात्रि से ठीक पहले हुई मैराथन की शुरुआत 73 धावकों ने की थी, लेकिन 18 खिलाड़ी इसे पूरा नहीं कर पाए।