आत्मविश्वास से भरी हरियाणा की इस बैंथमवेट मुक्केबाज ने जीत के बारे में कहा, मुझे खुशी हो रही है कि मैंने पहले दौर की बाधा पार कर ली। अगले दौर का मुकाबला मेरे लिए और ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगी क्योंकि वह विश्व चैम्पियन रह चुकी है, लेकिन मैं इसके लिए भी तैयार हूं।
वह पहले भी कजाखस्तान की विश्व चैम्पियन को हरा चुकी है। पोलैंड में हुई सिलेसियान ओपन प्रतियोगिता में उन्होंने डिना को और रूस की यूरोपीय चैम्पियन को हराया था, जिसके बाद फाइनल में हारकर उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
मनीषा ने कोच की रणनीति के अनुसार शुरुआती दौर में क्रिस्टीना को समझना बेहतर समझा। इसके बाद ही उन्होंने अगले दो दौर में आक्रामकता बरती और क्रिस्टीना को पस्त किया। यह भारतीय मुक्केबाज इस साल फार्म में हैं, इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी पोडियम स्थान हासिल कर चुकी हैं।