अंशु ने जापान की नाओमी रुईके को हराकर जीता स्वर्ण पदक

शनिवार, 9 सितम्बर 2017 (00:23 IST)
- कृपाशंकर बिश्नोई (अर्जुन अवॉर्डी)
 
एथेंस। एथेंस के एनो लाइयोसिया ओलंपिक हॉल में चल रही विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप के पांचवें दिन भी भारत का अच्छा प्रदर्शन जारी है। अभी तक प्रतियोगिता का कोई दिन ऐसा नहीं गया, जिसमें भारत ने पदक ना जीता हो। भारतीय महिला कुश्ती टीम ने शानदार कुश्ती कौशल का प्रदर्शन करते जापान के बाद दूसरी चैम्पियनशिप जीत ली। यह पहला मौका है, जब भारत ने केडेट विश्व स्तर पर इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की हो। 
 
भारत की अंशु 60 किलो के फाइनल में जगह बनाने में कल ही कामयाब हुई थी। अंशु ने पिछले वर्ष जॉर्जिया में हुई कैडेट विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इस वर्ष फाइनल में पहुंचने तक का उनका सफर शानदार। 
 
उन्होंने सभी कुश्तियो में बेहतरीन प्रदर्शन किया। बहुत ही चालाकी से खेलने में माहिर अंशु प्रतियोगिता में अपना पहला मुकाबला रोमानिया की अमीना रैक्सोना कैपेजन को मात्र 39 सेकंड में चित कर के जीता। दूसरे मुकाबले में उन्होंने रूस की एनास्टासिया प्रोखाना को 6-2 से पराजित किया।
सेमीफाइनल के अहम मुकाबले में उन्होंने शानदार कुश्ती खेलते हुए हंगरी की एरिका बोगनार को 8-0 के बड़े अंतर से पछाड़ दिया। इसने भर से भी अंशु नहीं रुकी। उन्होंने फाइनल में जापान की नाओमी रुइके को शुरुआती राउंड में ही छकाते हुए एक अंक झटक लिया।
 
पूरी कुश्ती के दौरान अंशु जापानी पर भारी पड़ी और अंत में मुकाबला 2-0 से अपने नाम करते हुए भारत की झोली में प्रतियोगिता का दुसरा स्वर्ण पदक डाला। इससे पहले कल भारत की सोनम मलिक ने 56 किलो महिला वर्ग में स्वर्ण जीता था।
 
40 किलो वजन समूह में कांस्य पदक के लिए भारत की और से मेट पर उतरी सिमरन ने जबरजस्त कुश्ती का प्रदर्शन करते हुए अमेरिका काइटलियान को मात्र 3 मिनट में 10-0 के अंतर पश्चात चित कर मुकाबला जीता। 46 किलो वजन में 2016 की विश्व चैम्पियन भारत की मनीषा स्वर्ण तो नहीं जीत वह सेमीफाइनल में जापान की रेमिना योशीमोतो से हार गई। 
 
भारत की पहली कैडेट विश्व चैम्पियन महिला पहलवान मनीषा को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने कास्य पदक के लिए स्पेन की एना मारिया टौरेस को कड़े संघर्षपूर्ण मुकाबले के बाद 2-3 अंको के अंतर से हराया। 
 
52 किलो वजन में भारत की मीनाक्षी ने मालदीव की मारिना ड्रेगुस्तान को 6-2 से हराकर कांस्य पदक जीता। वही एक अन्य भारतीय महिला पहलवान करुना को 70 किलो वजन समूह में कास्य पदक के मुकाबले में पोलैंड की विक्टोरिया चाओलुज से हार का सामना करना पड़ा।
 
भारतीय महिला कुश्ती टीम के असाधारण प्रदर्शन पर भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों व प्रशिक्षकों को बधाई देते हुए कहा की हमने पहली बार कैडेट विश्व चैम्पियनशिप में रूस को पीछे छोड़ते हुए 69 अंको के साथ दूसरी चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाया है। 
 
यह पहला मौका है की विश्व कुश्ती में हमारी दो भारतीय महिला पहलवानों ने जापान के वर्चस्व को तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता है। यह संकेत बताता है की भारत में महिला कुश्ती तेजी से विकसित हो रही है। इस उपलब्धि के बाद अन्य भारतीय पहलवानों का भी मनोबल बढ़ेगा। 
 
इस उपलब्धि से 2020 ओलम्पिक को लेकर भारत की तैयारी को बल मिलेगा। प्रतियोगिता में महिला चैम्पियनशिप जापान 94 अंक भारत 69 अंक व रूस 58 अंको के साथ क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे।

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