बजरंग के खिलाफ जापानी पहलवान कुश्ती नहीं, कबड्‍डी खेल रहा था...

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018 (18:42 IST)
नई दिल्ली। भारतीय महिला कुश्ती के कोच रहे अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई का मानना है कि सोमवार को हंगरी की राजधानी बूडापेस्ट में सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक से चूके भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया की असली हार का कारण खराब रैफरशिप रही, क्योंकि जापानी पहलवान ताकुतो ओतोगुरो कुश्ती नहीं लड़ रहे थे, वे तो मैट पर कबड्‍डी खेल रहे थे। जापानी पहलवान ने जीत के लिए (16-9 से) वो हर हथकंडे अपनाए, जो उनके गले में स्वर्ण पदक डाल सकते थे।


कृपाशंकर ने कहा कि विश्व कुश्ती के 65 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल मुकाबले में बजरंग पूनिया इतिहास रचने की दहलीज पर थे, लेकिन खराब रैफरशिप और जापानी पहलवान द्वारा रचे गए छद्म तरीकों के कारण भारतीय पहलवान के हाथ रजत पदक ही लगा। मसलन, ताकुतो कभी मनमुताबिक निष्क्रियता क्षेत्र में रहकर विश्राम करने लग जाते तो कभी झूठी चोट का बहाना बनाकर अपना दम ठीक करने लगते। यह सब लाइव प्रसारण में साफ दिखाई दे रहा था।

उन्होंने कहा कि 'यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग' के डॉक्टर ने भी जापानी पहलवान की चोट को बेवजह का बहाना बताया और उन्हें कुश्ती जारी रखने की हिदायत भी दी। रैफरी द्वारा नकारात्मक कुश्ती खेलने वाले खिलाड़ी को बढ़ावा दिया गया, यह देखकर मैं हैरान हूं। ऐसे में कॉशन (caution) का नियम होता है, जो रैफरी की तरफ से दिया नहीं गया। बाद में 2 कॉशन जरूर दिए गए, पर पहले का एक कॉशन नहीं दिया गया। नियमानुसार तीसरा कॉशन मिलने पर कुश्ती खत्म मान ली जाती है। ऐसे पहलवान को डिसक्वालिफाई करने का प्रावधान है।

कोच कृपाशंकर के मुताबिक, रैफरी के संरक्षण में जापानी पहलवान ताकुतो अपनी कुश्ती के दौरान लगातार पैसिविटी जोन में खेल रहे थे, जो एक अपराध था। मैं भारतीय कुश्ती संघ के माध्यम से यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग से आग्रह करता हूं कि ऐसी अपराधी रैफरी टीम को सजा दी जाए, जिसमें उनकी कैटेगिरी डाउन करने का प्रावधान शामिल है। (वेबदुनिया न्यूज) 

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