विश्व कुश्ती चैंपियनशिप : ग्रीको रोमन में पूरी टीम खाली हाथ
- कृपाशंकर बिश्नोई (अर्जुन अवॉर्डी)
पेरिस। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ग्रीको रोमन पहलवान भारतीय खेमे में खुशी लाने में सक्षम नहीं रहे। मैदान में उतरे चारों भारतीय पहलवानों में से 59 किलो ज्ञानेंद्र को छोड़कर तीनों पहलवान (66 किलो रविंदर, 80 किलो हरप्रीत, 130 किलो नवीन कुमार) पहला मुकाबला हारकर हुए बाहर। इस तरह पूरी भारतीय ग्रीको रोमन टीम विश्व चैंपियनशिप से खाली हाथ लौटी।
59 किलोग्राम ग्रोको रोमन में भारतीय पहलवान ज्ञानेन्द्र अपना पहला मुकाबला चीन के लिबिन डिंग के खिलाफ आसानी से जीत गए। उन्होंने चीनी पहलवान को ऐसे समय में पटखनी दी, जब दोनों देशों की फौजें डोकलाम सीमा विवाद को लेकर युद्ध के दरवाजे पर खड़ी हैं।
भारत चीन के बीच चल रहे डोकलाम सीमा विवाद की परवाह किए बगैर ज्ञानेन्द्र का चीनी पहलवान पर जीत दर्ज करना करोड़ों भारतीयों को ख़ुशी दे गया। उन्होंने पूरे मुकाबले में चीनी पहलवान लिबिन डिंग की एक नहीं सुनी व पूरे मैच के दौरान भारतीय पहलवान चीनी पहलवान पर हावी रहे और अंत में मुकाबला 4-1 से जीत लिया।
ज्ञानेन्द्र जीत का सिलसिला ज्यादा देर तक कायम नहीं रख सके और वे अगले ही मुकाबले में विश्व मिलेट्री गेम्स के चैंपियन कजाकिस्तान के मिराम्बेक ऐनागुलोव से तकनीकी श्रेष्ठता 9-0 से पराजित हो गए। अब भारतीय पहलवान की बागडोर कजाकिस्तान के हाथ में थी। ज्ञानेन्द्र का रेपेचेज में शामिल होने के लिए कजाकिस्तान के पहलवान का फाइनल में पहुंचना जरूरी था।
कजाकिस्तान के मिराम्बेक ऐनागुलोव अगले मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करते हुए यूक्रेन के डैमयटौ तस्यमबालिउक से 5-7 स्कोर से जीतने में कामयाब रहे। कजाकिस्तानी पहलवान इतने भर से मानने वाला नहीं था उन्होंने सेमीफाइनल में कोरिया के सेयूंगहाक किम को 2-4 अंकों से हराकर फाइनल में स्थान पक्का किया। इस तरह भारतीय पहलवान ज्ञानेन्द्र का रेपेचेज राउंड में शामिल होने का भी रास्ता साफ हुआ।
रेपेचेज के पहले मुकाबले में ज्ञानेंद्र ने इजिप्ट के मोस्तफा हसन अब्देलाल मोहमद को 1-3 से पराजित किया। ज्ञानेंद्र का अगला मुकाबला बहुत ही जबरदस्त था, वे 2-2 अंक की बराबरी पर रहे। इस मुकाबले में यूक्रेन के डैमयटौ तस्यमबालिउक को विजेता घोषित किया गया। इस तरह भारतीय पहलवान ज्ञानेन्द्र सर्वश्रेष्ठ दस पहलवानों में शामिल हो गए।
66 किलोग्राम ग्रीको रोमन में भारतीय पहलवान रविन्दर अपना पहला मुकाबला स्वीडन के हुस्सम साद अली उमर से 1-2 अंकों से हार गए। स्वीडन के हुस्सम साद अली उमर अगले दौर में 2013 वर्ल्ड कप के स्वर्ण पदक विजेता कजाकिस्तान के अल्मत केबिस्पएव से 1 मिनट 33 सेकंड में चित हो गए। इस तरह भारत की चुनौती 66 किलोग्राम ग्रीको रोमन में समाप्त हो गई।
80 किलोग्राम ग्रीको रोमन में भारतीय पहलवान हरप्रीत सिंह पहला मुकाबला कजाकिस्तान के अस्खत दिल्मुखामेदोव से 1-3 के अंतर से हार गए। अस्खत दिल्मुखामेदोव ने अगले दौर में हंगरी के लास्जलो स्ज़ाबो को 2-1 अंकों के आधार पर हरा दिया।
तीसरे व क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान के अस्खत बेलारूस के पहलवान राद्जिक कुलिएऊ से 2-1 अंक पर पराजित हो गए। अस्खत दिल्मुखामेदोव फाइनल से पहले ही पराजित होने से भारतीय पहलवान हरप्रीत सिंह भी स्पर्धा से बाहर हो गए।
130 किलोग्राम ग्रीको रोमन में भारतीय पहलवान नवीन कुमार जर्मनी के एडवर्ड पॉपप से मामूली अंतर 1-2 अंकों से पराजित हो गए। जर्मनी के एडवर्ड पॉपप इतने भर से नहीं रुके। उन्होंने अगले राउंड में रोमानिया के अलीन अलेक्सुक किउररिउ को भी 1-3 से पराजित कर दिया।
एडवर्ड पॉपप क्वार्टर फाइनल के अगले अहम मुकाबले में क्यूबा के पेन अमेरिकन चैम्पियन ओस्कार पिनो हिन्ड्स से 1-3 अंकों से पिछड़ गए। नवीन कुमार रेपेचेज राउंड के लिए भी चयनित नहीं हुए और उन्हें स्पर्धा से बाहर का रास्ता देखना पड़ा।
बुधवार 23 अगस्त को महिला वर्ग में फिर चार भारतीय महिला पहलवान मैदान में होंगी, जो इस प्रकार हैं- 55 किलो ललिता सहरावत विरुद्ध पोलैण्ड