300 मैच खेलने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना के पिता हैं पहलवान

गुरुवार, 2 नवंबर 2023 (16:38 IST)
इस मंगलवार को वंदना कटारिया सभी बाधाओं को पार करते हुए महिला एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी के दौरान जापान के खिलाफ 300वीं बार भारत के लिए खेलने उतरीं।वंदना बचपन से ही हॉकी खिलाड़ी बनने का सपना देखती थीं लेकिन उन्हें दादी की घर का काम सीखने और घर बसाने की इच्छा जैसी सामाजिक रूढ़िवादिता को हराना पड़ा।हर उभरते सितारे को एक हीरो की जरूरत होती है और वंदना के लिए वह उनके पिता नाहर सिंह कटारिया थे- उनकी ताकत के स्तंभ।

स्वयं पहलवान रहे नाहर ने अपनी बेटी का पूरा समर्थन किया और वंदना को खेल में अपना करियर बनाने में मदद करने के लिए समाज और अपने परिवार के खिलाफ गए।वंदना ने कहा, ‘‘मेरे पिता पैसों की व्यवस्था करने के लिए इधर-उधर भागते थे ताकि मैं हॉकी खेलना जारी रख सकूं। मुझे नहीं पता कि खेल छात्रावास में मेरे रहने के लिए उन्हें पैसे कहां से मिले। मेरे पिता ने मुझ पर विश्वास करना कभी नहीं छोड़ा।’’

वंदना के पिता का तोक्यो ओलंपिक से ठीक पहले निधन हो गया और उस समय उनके टीम के साथी ही उनके समर्थन में आए थे।विपरीत परिस्थितियों से निपटते हुए वंदना ने अपनी जिम्मेदारी निभाई जिससे भारत को तोक्यो में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने ग्रुप चरण के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक सहित चार गोल किए।

शुरुआती दिनों में वंदना के पास ट्रेनिंग के लिए उचित सामान भी नहीं था लेकिन जीवन तब बदल गया जब वह अपने पहले कोच प्रदीप चिन्योति के मार्गदर्शन में पहुंची जिन्होंने उन्हें एक स्कूल टूर्नामेंट में देखा। प्रदीप ने उन्हें 2004 में मेरठ आने को कहा और आखिरकार कड़ी मेहनत सफल हुई जब उन्हें दो साल बाद 2006 में जूनियर महिला टीम में चुना गया।

उन्होंने भारत को जर्मनी के मोनशेंग्लाबाक मे 2013 जूनियर विश्व कप में कांस्य पदक दिलाने में मदद की। वह पांच गोल के साथ टूर्नामेंट में देश की शीर्ष स्कोरर रहीं।वंदना में गति, कौशल और विपक्षी रक्षापंक्ति में सेंध लगाने की क्षमता है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। उन्हें 2016 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व करते हुए देखा गया जहां उनके नेतृत्व में देश ने फाइनल में चीन को 2-1 से हराकर खिताब जीता।
Vandana Kataria

हॉकी इंडिया ने वंदना कटारिया को 300 मैच पूरे करने पर दी बधाई

हॉकी इंडिया ने भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया को 300वां अंतरराष्ट्रीय कैप हासिल करने पर बधाई दी है।उत्तराखंड के रोशनाबाद की रहने वाली वंदना ने मंगलवार को महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 में जापान के खिलाफ भारत के मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की।

इसके साथ ही वंदना 300 अंतरराष्ट्रीय खेल खेलने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी बन गईं।भारत मौजूदा महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 में अब तक अजेय रहा है, उसने अपना पहला गेम थाईलैंड के खिलाफ 7-1 से जीता, अपने दूसरे मैच में मलेशिया के खिलाफ 5-0 से जीत हासिल की और फिर रोमांचक मुकाबले में चीन को 2-1 से हराया।

ऐसा रहा है करियर

जर्मनी के मोनचेंग्लादबाक में जूनियर महिला विश्व कप में भारतीय टीम के लिए शीर्ष स्कोरर के रूप में समाप्त होने के बाद वंदना सुर्खियों में आईं और टीम को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उन्होंने टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत के ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रहने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह ओलंपिक खेलों में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी भी हैं।

उन्हें 2022 में प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। अनुभवी फॉरवर्ड 2016 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 महिला एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य थीं।उन्होंने टीम को 2022 एशिया कप में कांस्य पदक दिलाने में मदद की, एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहीं और फिर एफआईएच नेशंस कप 2022 जीता। उनके नाम पर 2022 राष्ट्रमंडल कांस्य पदक भी है।

इस उपलब्धि पर वंदना ने कहा, “मुझे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला है। मेरी 300वीं कैप अर्जित करना वास्तव में मेरे लिए एक विशेष क्षण है और इसकी स्मृति मेरे दिमाग में लंबे समय तक रहेगी। यात्रा वास्तव में विशेष रही है और मैं बार-बार राष्ट्रीय जर्सी पहनकर धन्य महसूस करती हूं। मैं हॉकी इंडिया, अपने साथियों और सहयोगी स्टाफ को वर्षों से उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।”

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पद्म डॉ. दिलीप टिर्की ने वंदना कटारिया को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, “मैं वंदना कटारिया को उनकी 300वीं अंतरराष्ट्रीय कैप अर्जित करने के लिए बधाई देता हूं। किसी भी खिलाड़ी के लिए भारतीय जर्सी पहनना और इतने लंबे समय तक देश का प्रतिनिधित्व करना वास्तव में एक यादगार पल है। उनकी यात्रा असाधारण के अलावा और कुछ नहीं रही है, और मुझे उम्मीद है कि हम आगे चलकर उनका और भी शानदार प्रदर्शन देखेंगे।”

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