इंग्लैंड 104 रन से विजयी : नेटवेस्ट ट्रॉफी के पहले वनडे मैच में इंग्लैंड ने भारत को 104 रनों से बुरी तरह परास्त किया। एंडरसन की तूफानी गेंदबाजी (23 रन देकर 4 विकेट) के आगे भारतीय सूरमाओं ने हथियार डाल दिए। इयान बेल के पहले शतकीय प्रहार (नाबाद 126 रन) की वजह से उन्हें 'मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। अगला मैच 24 अगस्त को ब्रिस्टल में होगा और हमारी मुलाकात वहीं पर होगी। यह मैच भी डे-नाइट ही होगा।
मैच का सार यह है कि भारतीय टीम 50वें ओवर में 184 रनों पर धराशायी हो गई। इससे पहले इंग्लैड ने कुक (102 रन) और बेल के पहले वनडे शतकों की मदद से 2 विकेट के नुकसान पर 288 रन बनाए थे। इंग्लैंड की जीत का राज उसकी बेहद अनुशासित गेंदबाजी के साथ-साथ चुस्त क्षेत्ररक्षण रहा। अंग्रेज टीम ने खेल के हर क्षेत्र में लाजवाब प्रदर्शन किया।
जीत के लिए 289 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का श्रीगणेश ही गलत हो गया। भारत किस तरह दबाव में रहा होगा, इसका अंदाज यहीं से लगाया जा सकता है कि 24 ओवरों में भारतीय पारी में केवल 2 चौके लगे थे, जबकि 25वें ओवर में द्रविड़ ने मोंटी पानेसर की गेंद पर स्ट्रेट में गगनभेदी छक्का जमाया। इसके अलावा टॉप के 6 बल्लेबाजों ने कोई करिश्मा नहीं दिखाया।
भारतीय पारी की शुरुआत काफी निराशाजनक ढंग से हुई। सौरव गांगुली मात्र 2 रनों पर रन आउट (मोंटी पानेसर) हो गए। गांगुली ड्रेसिंग रूम में आकर अपने पैड्स भी नहीं उतार पाए कि दूसरे विकेट के रूप में गौतम गंभीर (14 गेंद 3 रन) भी एंडरसन के 100वें शिकार हो गए।
एंडरसन ने अपने वनडे कॅरियर का 101वाँ विकेट सचिन तेंडुलकर का लिया। सचिन 33 गेंदों पर 17 रन बनाने के बाद बोपारा को कैच थमा बैठे। ऐसा लगा मानो सचिन बोपारा को कैच अभ्यास करवा रहे हो। एंडसरन ने इसी ओवर की पाँचवीं अंतिम गेंद पर युवराजसिंह को भी आउट कर दिया।
युवराज ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को छेड़ बैठे और कुक ने गली में उनका दर्शनीय कैच लपकने में कोई चूक नहीं की। युवी को खाता खोलने का मौका भी नहीं मिला। इस तरह भारत 34 के स्कोर तक आते-आते 4 विकेट खो बैठा था। भारतीय बल्लेबाजों की रनिंग बिटविन द विकेट काफी खराब रही। सचिन और गांगुली के बीच गफतल के कारण ही कोलकाता के राजकुमार के विकेट की बलि दी गई।
दूधिया रोशनी में नहाए रोज बाउल स्टेडियम पर इंग्लिश समर्थकों में सबसे ज्यादा शोर तब हुआ जब फ्लिंटॉफ ने उपकप्तान महेन्द्रसिंह धोनी का विकेट ले लिया। धोनी हुक करने के प्रयास में विकेटकीपर प्रायर के दस्तानों में समा गए।
कितने ताज्जुब की बात है कि ट्वेटी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम के कप्तान घोषित हुए धोनी 60 गेंदें बरबाद करने के बाद 1 चौके की बैसाखी पर सवार होकर केवल 19 रन ही बना पाए। धोनी को पैवेलियन लौटे कुछ लम्हे ही बीते थे कि मैस्कारेंस ने राहुल द्रविड़ को 46 रनों के स्कोर पर प्रायर के दस्तानों में झिलवा दिया। मैस्कारेंस का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह पहला विकेट था।
सातवें विकेट के रूप में आगरकर 11 रन बनाकर बोपारा के हाथों रन आउट हो गए, जबकि भारत ने आठवाँ विकेट पीयूष चावला (2) के रूप में गँवाया। जहीर खान ने 2 छक्कों और 1 चौके की मदद से 20 रन पर एंडरसन द्वारा बोल्ड ले लिए गए। आरपी सिंह को आखिरी विकेट के लिए मोंटी पानेसर ने बोल्ड किया। दिनेश कार्तिक 44 रनों पर नाबाद रहे।
इंग्लिश गेंदबाज गेंदों को बाहर निकालने के बजाय अंतर की तरफ ला रहे हैं। यही कारण है कि भारतीय स्कोर बोर्ड कछुए की चाल से आगे बढ़ रहा था। पहले वनडे मैच को देखकर लगता है कि इंग्लैंड के कप्तान ने काफी अच्छा होमवर्क किया है।
इंग्लैंड 288/2 (50 ओवर) : इससे पूर्व एलेस्टर कुक के बेहतरीन शतक (102) के बाद इयान बेल के नाबाद सैकड़े (126) की बदौलत इंग्लैंड की टीम ने भारत के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी के पहले एक दिवसीय मैच में निर्धारित 50 ओवरों में 2 विकेट पर 288 का मजबूत स्कोर खड़ा करके मैच के सारे सूत्र अपने हाथों में ले लिए थे।
निर्धारित ओवर जब पूरे हुए तब बेल के साथ केविन पीटरसन 33 रन बनाकर नाबाद थे। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 50 गेंदों में 67 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई गई। इससे पूर्व दूसरे विकेट के लिए बेल ने कुक के साथ 185 गेंदों में 178 रनों की साझेदारी निभाई थी। इंग्लैड की ओर से आउट होने वाले बल्लेबाज थे प्रायर (19) और कुक (102)।
अंग्रेज बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की अच्छी आरती उतारी। कुल सात गेंदबाज आजमाए गए लेकिन सफलता जहीर (49/1) और आरपी सिंह (49/1) को मिली। शेष पाँच गेंदबाजों की जमकर धुनाई हुई। राहुल द्रविड़ ने सिक्का जीतकर पहले इंग्लैंड को बल्लेबाजी का न्योता देकर एक और बेवकूफी भरा निर्णय लिया।
इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम के बाहर खुशी : कुक के बाद बेल के शतक के बाद इंग्लैड के ड्रेसिंग रूप के बाहर खुशी का वातावरण देखते ही बनता था। गेंदबाजी कोच और अफ्रीका के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर एलन डोनाल्ड दूरबीन की सहायता से बल्लेबाजी का आनंद उठा रहे थे।
कुक ने अपने शतक के लिए 122 गेंदों का सामना किया। एक दिवसीय क्रिकेट में कुक का यह पहला सैकड़ा है। इससे पूर्व कुक का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ 41 रनों का रहा है। कुक का यह छठा अंतरराष्ट्रीय मैच था। उन्हें 102 रनों के निजी स्कोर पर आरपी सिंह ने बोल्ड कर दिया। गेंद इन कटर थी और कुक के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेते हुए स्टंम्प ले उड़ी।
इंग्लैंड ने पहला विकेट प्रायर के रूप में गँवाया। वे जहीर की गेंद पर मिड ऑन पर राहुल द्रविड़ के हाथों लपके गए हैं। इंग्लैंड ने 11वें ओवर में पहला विकेट खोया। प्रायर 19 रन बनाकर पैवेलियन लौटे।
इंग्लैंड ने दूसरा विकेट 221 रनों पर खोया। कुक ने 126 गेंदों का सामना किया और 8 चौके जमाए। बेल और कुक ने दूसरे विकेट की भागीदारी में 30.5 ओवरों में 178 रनों की भागीदारी करके इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया।
वनडे के कुछ रोचक तथ्य : क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वालों के लिए कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं - (1) भारत ने 1974 में पहला एक दिवसीय मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला था, लेकिन तब इंग्लैंड ने उसे 4 विकेट से हरा दिया था। (2) भारत की तरफ से पहला वनडे शतक लगाने का गौरव अजीत वाडेकर ने प्राप्त किया। (3) पीयूष चावला आज अपना सातवाँ वनडे मैच खेल रहे हैं और दिलचस्प बात तो यह है कि पीयूष ने सभी सातों मैच विदेशी जमीन पर ही खेलें हैं।