OCCRP की रिपोर्ट से Adani को कितना नुकसान, क्या कहता है अडाणी ग्रुप
गुरुवार, 31 अगस्त 2023 (12:51 IST)
Adani Share news : ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के अडाणी समूह पर उसके प्रवर्तक परिवार के साझेदारों से जुड़ी विदेशी इकाइयों के जरिए उसके शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश करने का आरोप लगाने के बाद कंपनी के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट आई। अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
बीएसई पर, अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 4.43 प्रतिशत गिरकर 927.65 रुपए पर आ गया, जिसका बाजार पूंजीकरण 1.47 लाख करोड़ रुपए है।
अडाणी पावर का शेयर 3.82 प्रतिशत गिरकर 315.85 रुपए पर आ गया। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.56 प्रतिशत गिरकर 2,424 रुपए पर और अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 3.18 प्रतिशत गिरकर 814.95 रुपए पर आ गया।
बीएसई पर अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) 2.75 प्रतिशत गिरकर 796.50 रुपए पर, अडाणी टोटल गैस 2.74 प्रतिशत गिरकर 634.60 रुपए पर, एनडीटीवी 2.69 प्रतिशत गिरकर 213.30 रुपए पर और अडाणी विल्मर 1.83 प्रतिशत गिरकर 362.20 रुपए प्रति शेयर पर आ गया। एसीसी के शेयर 3.15 प्रतिशत गिरकर 1,937.10 रुपए पर और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 2.84 प्रतिशत गिरकर 431.60 रुपए पर आ गए।
On allegations of OCCRP, Adani Group says "We categorically reject these recycled allegations. These news reports appear to be yet another concerted bid by Soros-funded interests supported by a section of the foreign media to revive the meritless Hindenburg report. In fact, this… pic.twitter.com/hOfRU4BUSN
अडाणी ग्रुप की सफाई : अडाणी समूह ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इसमें पुराने आरोपों को अलग तरीके से दोबारा पेश किया गया। समूह ने इसे 'बेवकूफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों का एक प्रयास' घोषित किया।
बयान में कहा गया, 'ये दावे एक दशक पहले बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अधिक चालान, विदेश में धन हस्तांतरण, संबंधित पक्ष लेनदेन तथा एफपीआई के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के तहत थे।'
समूह ने कहा, 'मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण को लेकर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है।'