हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ 15 अक्टूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 17 अक्टूबर 2024 को बंद हो गया। हुंडई के आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 27,870 करोड़ रुपए के आकार वाले आईपीओ के तहत की गई 9,97,69,810 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 23,63,26,937 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं।
पहले 2 दिन आईपीओ को मात्र 42 प्रतिशत अभिदान मिला था हालांकि आखिरी दिन इसे निवेशकों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला। पात्र संस्थागत खरीदारों (QIB) की श्रेणी को 6.97 गुना अभिदान मिला, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के कोटा को 60 प्रतिशत अभिदान मिला। खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए निर्धारित कोटा को 50 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ।
ग्रे मार्केट पर क्या है रिपोर्ट : ग्रे मार्केट के अनुसार, शेयर की लिस्टिंग फीकी रह सकती है। हुंडई मोटर्स के शेयरों की जीएमपी पर लगातार गिरावट दिखाई दे रही है। 27 सितंबर को हुंडई मोटर्स का जीएमपी 570 रुपए था जो 17 अक्टूबर को मात्र 17 रुपए पर आ गया। कहा जा रहा है कि यह शेयर एनएसई पर 1977 रुपए में लिस्ट हो सकता है जो कि उसके अपर प्राइस बैंड से मात्र 10 रुपए अधिक है।
नए शेयर जारी नहीं करेगी हुंडई मोटर्स : SEBI के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्पेक्टर के मुताबिक, कंपनी नए शेयर नहीं जारी करेगी। कंपनी पूर्ण स्वामित्व वाली यूनिट में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा 'ऑफर फॉर सेल' के माध्यम से रिटेल और अन्य निवेशकों को बेचेगी। इस तरह यह आईपीओ पूरी तरह से OFS इश्यू होगा। इसके तहत प्रमोटर्स 10 रुपए के फेस वैल्यू पर 14.2 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे। हुंडई मोटर इसमें अपनी 17.5% हिस्सेदारी बेच रही है।
क्या कहते हैं निवेशक : कई निवेशकों का मानना है कि इससे जो भी रकम आएगी वो कपंनी को नहीं बल्कि प्रमोटर्स को मिलेगी। निवेशकों का यह भी मानना है कि आईपीओ का वैल्यूएशन काफी ज्यादा है। हालांकि कई निवेशक यह भी मानते हैं कि यह आईपीओ में लांग टर्म में निवेश के लिए बेहतर है। बाजार विशेषज्ञ भी इसे लांग टर्म के हिसाब से बेहतर बता रहे हैं।
इससे पहले देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने का श्रेय भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को जाता है। एलआईसी ने साल 2022 में 2.7 अरब डॉलर जुटाने के लिए आईपीओ पेश किया था। हुंडई इंडिया के ड्राफ़्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के मुताबिक, कंपनी का मूल्यांकन 1.5 से 1.7 ट्रिलियन रुपए के बीच है। यानी, इसका मूल्य लगभग 18 से 20 बिलियन डॉलर है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग ने कंपनी के लिए बड़ा अवसर प्रदान किया है।