प्राचीन भारत से लेकर वर्तमान समय तक युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी ने हमेशा प्रेरित किया है। स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के लिए हमेशा आदर्श रहे हैं और हमेशा रहेंगे। आज भले ही दुनिया को वे अलविदा कह चुके हैं लेकिन उनके विचार आज भी युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनकी जन्म जयंती विशेष पर स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से सीखें ये 10 बातें -
1. खुद पर विश्वास करो - आत्मविश्वास सफलता का सबसे बड़ा स्रोत है। स्वामी विवेकानंद जी हमेशा से युवाओं को कहते रहे हमेशा खुद पर विश्वास करें। उन्होंने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और खुद पर भरोसा करने के लिए कहते हैं।
2. ताकतवर बनो - स्वामी विवेकानंद ने शरीर की ताकत को मन के साथ आध्यात्मिक तौर पर मजबूत बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अनिवार्य माना है। विवेकानंद के मुताबिक गीता पढ़ने से पहले फुटबॉल खलेकर ताकतवर बनने की नसीहत दी ताकि युवा फौलादी बनें और मजबूत संकल्प के साथ धर्म समझ सकें। साथ ही अधर्म से मुकाबला कर सकें।
3. खुद को कमजोर नहीं समझे - अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कभी भी खुद के बारे में ऐसा नहीं सोचे मैं कमजोर हूं, परेशान हूं, पापी हूं, दुखी हूं। हमेशा शेर बनकर जिएं। आत्मविश्वास अपने आप आएगा।
4. उम्मीद नहीं छोड़े - कभी उम्मीद नहीं छोड़े। जब तक वह कार्य पूरा नहीं हो जाता इसमें लगे रहे। विवेकानंद कहते हैं हमेशा मुस्कुराते रहे। यह आपको देव उपासना की तुलना में भगवान के ज्यादा करीब ले जाएंगा।
5. बिना डर के जिए - विवेकानंद के अनुसार हर इंसान की एक बार मृत्यु होगी। इसलिए मेरा जन्म सिर्फ बड़ा काम करने के लिए हुआ है। इसलिए बिना किसी डर के, किसी कायरता के अपने काम में लगे रहें।
6. स्वार्थी नहीं सेवक बनें - जी हां, प्रेम जिंदगी व स्वार्थ मृत्यु है। इसलिए उन्हें सेवा करने की चाहत हैं वे अपने सारे स्वार्थ, गम, नाम और यश की चाहतों की पोटली बनाकर समुद्र में फेंक दें। निस्वार्थ होने से धर्म की परख होती है।
7.अपने पैरों पर खड़े हों - कभी भी किस्मत के भरोसे नहीं बैठे। पुरुषार्थ यानी मेहनत के दम पर ही खुद की किस्मत बनाएं। खुद से जिम्मेदारी उठाओं।खड़े हो जाओ, साहसी बनो और शक्तिमान बनो। सभी शक्तियां खुद के पास है। बेहतर कल के लिए आज के काम नियत करें। इस तरह अपना भविष्य अपने हाथों से बनाएं।