गजलक्ष्मी व्रत : श्राद्ध पक्ष की अष्टमी को इस नैवेद्य से प्रसन्न होंगी देवी महालक्ष्मी

आश्विन कृष्ण अष्‍टमी को गजलक्ष्मी या महालक्ष्मी व्रत का बहुत महत्व है। श्राद्ध महालय के दौरान आने वाली इस अष्टमी के दिन धन की देवी महालक्ष्मी को इस खीर का नैवेद्य चढ़ाकर माता से समस्त मनोकामना पूर्ण होने का आशीष प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानें सरल विधि- 
 
शाही बासमती खीर
 
सामग्री : 2 लीटर गाढ़ा दूध, 2 मुट्ठी बासमती राइस, आधा कटोरी मेवा कतरन, 4 बड़े चम्मच शकर, आधा चम्मच पिसी इलायची, कुछ मात्रा में केसर के लच्छे। 
 
विधि : खीर बनाने से कुछ देर पूर्व चावल धोकर पानी में गला दें। अब मोटे तले वाले बर्तन में दूध लेकर गरम करके उबालें और गाढ़ा होने दें। चावल का पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। चावल पकने के बाद शकर डालें और गलने तक दूध को लगातार चलाते रहें। बीच में छोड़े नहीं।

खीर जब अच्छी तरह गाढ़ी हो जाए तब उसमें मेवा कतरन, इलायची डालें और केसर के लच्छे डाल दें। खीर को अच्छीतरह उबलने दें और गाढ़ी होने पर आंच बंद कर दें। तैयार शाही बासमती राइस खीर से अष्टमी के मां गजलक्ष्मी और पितृ देवता का पूजन करके भोग लगाएं और अपनी मनोकामना कहें। 
 

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