विधि : पारंपरिक व्यंजन चूरमा-लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं के आटे में घी का अच्छा मोयन देकर कड़ा सान लें। फिर इसकी मुठियां बना लें। एक कड़ाही में घी गर्म करके बादामी तल लें। तत्पश्चात इन्हें हाथ से मसल कर बारीक कर लें, फिर मोटी चलनी से छान लें।
अगर हाथ से नहीं मसल सकते तो इमाम दस्ते में कूटकर छान लें। शेष बचे मोटे टुकड़ों को फिर से कूटकर छान लें। अब पिस्ता उबलते पानी में 2-3 मिनट रखकर निकाल लें। इन्हें छीलकर लंबे-लंबे महीन काट लें। मिश्री को दरदरा कर लें। केसर को गुलाब जल में घोटकर चीनी में मिला दें। मावे को मोटी चलनी से छानकर, मंदी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें। फिर इसमें गर्म करके ठंडा किया हुआ (100 ग्राम) घी मिला दें।
अब छने हुए मुठियां (आटे का तैयार किया हुआ मुठियां का बुरा) में मावा, चीनी, पिसी इलायची व पिस्ता की कतरन मिला दें। लीजिए तैयार है पारंपरिक शाही मीठा चूरमा। आप चाहें तो इसके लड्डू बना लें या चूरमा का भोग लगाएं।
विधि : जब खीर बनाना हो उससे कुछ देर पहले चावल धोकर पानी में गला दें। दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। अब चावल का पूरा पानी निथार कर दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। चावल पकने के बाद चीनी डालें और पूरी चीनी घुलने तक दूध को लगातार चलाती रहें। बीच में छोड़े नहीं। जब खीर अच्छी तरह गाढ़ी हो जाए तब उसमें मेवे की कतरन, इलायची डालें।
एक अलग कटोरी में थोड़ा-सा गरम दूध लेकर केसर 5-10 मिनट के लिए उसमें गलाने के बाद केसर घोंट कर उबलती खीर में डाल दें। अब तैयार हो रही खीर की 5-7 उबाली लेकर आंच बंद कर दें। तैयार केसरी शाही खीर से भोग लगाएं।