आर्चर और स्टोक्स के बिना सेमीफाइनल तक पहुंची इंग्लैंड, मॉर्गन ने कहा करीबी हार झेलना आसान बात नहीं

गुरुवार, 11 नवंबर 2021 (15:33 IST)
अबू धाबी:इंग्लैंड ने टी-20 विश्व कप 2021 में सबसे पहले उस टीम को हराया जिससे वह टी-20 विश्वकप में कभी जीती नहीं थी। वेस्टइंडीज को 6 विकेट से हराने के बाद इंग्लैंड ने लगातार सामने वाली टीम को धूल चटाई। सिर्फ अंतिम लीग मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 रनों से हार का सामना करना पड़ा।

इंग्लैंड के जॉस बटलर इस विश्वकप में शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी है। न्यूजीलैंड के खिलाफ 29 रन बनाने के बाद फिलहाल वह 269 रनों के साथ टी-20 विश्वकप के सबसे सफल बल्लेबाज भी हैं।

टीम बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर के बिना भी सेमीफाइनल तक पहुंची। इसके बाद विस्फोटक सलामी बल्लेबाज
जेसन रॉय और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टाइल मिल्स भी बाहर हो चुके थे। इसके बावजूद भी न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड 16वें ओवर तक पूरी तरह हावी रही। इंग्लैंड भले ही टी-20 विश्वकप से बाहर हो गई हो लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि इंग्लैंड ने इस टी-20 विश्वकप में बेहतरीन खेल दिखाया है।

इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने यहां बुधवार को टी-20 विश्व कप 2021 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार के बाद कहा कि करीबी मैच में हारने वाली टीम बनना आसान नहीं है।

मोर्गन ने मैच के बाद कहा, “ जिमी नीशम की 11 गेंदों में 27 रन की खेल बदलने वाली पारी ही जीत और हार का कारण बनी। हमारे गेंदबाजों की बुरी तरह पिटाई हुई है। एक करीबी मैच में पराजित टीम बनना आसान नहीं है। मुझे लगता है कि हम एक ऐसे विकेट पर लड़े जो हमारी बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं था, लेकिन हम चुनौतीपूर्ण स्कोर के आसपास पहुंचने में सफल रहे। हम गेंद के साथ शानदार थे और खेल में सही थे, जब तक जिमी नीशम विकेट पर नहीं आए थे। मुझे लगता है कि दोनों पारियों में हर किसी ने दोनों तरफ से बाउंड्री लगाने के लिए संघर्ष किया, क्योंकि यह पिच ही ऐसी थी, हालांकि आपको पूरा श्रेय केन विलियम्सन और उनकी टीम को देना होगा जो सच में अच्छा खेली और हमें खेल से बाहर कर दिया। ”

कप्तान ने कहा, “ मुझे लगता है कि शायद जिमी नीशम एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे जो मैदान पर आए और पहली गेंद से ही साफ-सुथरी हिटिंग करने की क्षमता दिखाई। विकेट थोड़ा मुश्किल था। हम सिक्स हिटिंग टीम हैं, लेकिन हमें छक्के जड़ने में मुश्किल हुई। हमारे खिलाड़ियों ने यह महसूस नहीं किया कि वह पिच की स्थिति के हिसाब से छक्के जड़ सकते हैं। स्पिनरों को मदद मिल रही थी। गेंद को सीमा रेखा के बाहर मारना मुश्किल था, लेकिन मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड की पारी के दौरान उनके खिलाड़ियों के क्रीज पर आने से लेकर अंत तक हिटिंग जारी रही।”


इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, “ जब आप शुरुआत में दो बड़े विकेट लेते हैं, जैसे हमने लिए तो आप खेल में आगे महसूस करते हैं। मुझे लगता है कि दो विकेट गिरने के बाद न्यूजीलैंड के खिलाड़ी पारी को स्थिर करने की कोशिश कर रहे थे। मुझे लगता है कि हम उन्हें कुछ समय तक दबाव और नियंत्रण में रखने में कामयाब रहे, लेकिन उन्होंने पारी को गति देने के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और फिर वह निश्चित रूप से अच्छी स्थिति में आ गए। ”

उल्लेखनीय है कि 167 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम नीशम के क्रीज पर आने के वक्त आवश्यक रन रेट से बहुत पीछे थी। इस समय न्यूजीलैंड को जीत के लिए 29 गेंदों पर 60 रन चाहिए थे, लेकिन नीशम की विस्फोटक पारी और डेरिल मिचेल द्वारा दबाव बनाए गए 47 गेंदों 72 रन की बदौलत न्यूजीलैंड एक ओवर शेष रहते हुए जीत हासिल करने में सफल रहा। यह इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच एक और रोमांचक मुकाबला था और इस बार विलियम्सन की टीम अबू धाबी में विजयी होकर लगातार तीसरी बार आईसीसी प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची। ”

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