शिक्षक दिवस विशेष : देते सबको ज्ञान...

भेदभाव करते नहीं,
देते सबको ज्ञान।


 
शिष्य गुरु का सदा से,
करते हैं सम्मान।
 
करते हैं सम्मान,
ज्ञान पा बनते ज्ञाता।
गुरु वंदना जो करे,
उस पर खुश विधाता।
 
सर्वगुण संपन्न बनाते,
विद्या सारी सिखाते हैं।
सही-गलत का भेदभाव,
गुरु ही अर्थ बताते हैं।
 
शिखर जब छूता शिष्य है,
गुरु का बढ़ता मान।
पूर्ण परीक्षा कर लेता,
करता अपना उत्थान।
 
गुरु शिष्य का सदा ही,
रखता हरदम ध्यान।
सोच यही शिक्षक की होती,
होता रहे कल्याण।
 
पढ़-लिखकर खूब नाम करे,
लिखा जाए इतिहास।
गुरु-शिष्य के एक डोर से,
उगे हैं दो के प्राण।
 
ऐसे गुरु की वंदन करो,
उनको करो नमामि।
 

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