हरतालिका तीज के दिन कौन से 10 कार्य करती हैं महिलाएं

शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (17:05 IST)
Hartalika teej 2022: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती हैं। यह व्रत उत्तर भारत में खासा प्रचलित है। अपने पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं यह व्रत रखती हैं। आओ जानते हैं हरतालिका तीज के दिन क्या करती हैं महिलाएं।
 
1. कड़ा व्रत : हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन न कुछ खाती हैं और न ही जल ग्रहण करती हैं। हरतालिका तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सामान्य व्रत रखती हैं।
 
2. बालू या मिट्टी के शिवलिंग : इस महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा अपने हाथों से बनाकर कर पूजा करती हैं।
 
3. आठ प्रहर शिवलिंग पूजा : महिलाएं शिव, पार्वती, गणेशजी की आठों प्रहर पूजा करती हैं। यानी दिनभर और रातभर पूजा होती है। पूजा में पंचामृत, मिठाई, फल, फूल, नारियल, कपूर, कुमकुम, सुपारी, सिंदूर, अबीर, चन्दन, लकड़ी की चौकी, पीतल का कलश, साथ ही कर्पूर, अगरु, केसर, कस्तूरी और कमल के जल, आम, गन्ने का रस आदि सामग्री होती है।
 
4. जागरण : इस व्रत में महिलाओं को रातभर जागना होता है। जागकर पूजा, भजन और कीर्तक किया जाता है।
 
5. कथा श्रवण : इस व्रत के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा को सुनना जरूरी होता है। मान्यता है कि कथा के बिना इस व्रत को अधूरा माना जाता है।
6. फुलेरा : फूल-पत्तियों, जड़ी-बूटियों और बांस से झुले जैसा दो फुलहरा बनाते हैं जो माता पार्वती और शिवजी को अर्पित किए जाते हैं।
 
7. सोलह पत्तियां : शिव, पार्वती और गणेशजी को बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम पत्ते, नीम, अशोक पत्ते, पानपत्ते, केले के पत्ते और शमी पत्ते अर्पित किए जाते हैं।
 
8. सुहाग पिटारा : माता को सुहाग के 2 पिटारा अर्पित किए जाते हैं जिसमें बिंदी, चूड़ी, बिछिया, मेहंदी, आदि 16 श्रृंगार के सामान होते हैं।
 
9. भोग : माता पार्वती को खीर, शहद, हलवे, गुड़ और घी की चीजों का भोग लगाकर दान किया जाता है। 
 
10. पारण : शिवजी, माता पार्वती और गणेशजी प्रतिमा को सुबह विधिवत विसर्जित के बाद पारण किया जाता है।

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