मेरे पति को रोमांटिक सीन पर आपत्ति नहीं : परिधि शर्मा

आपने उन्हें जी टीवी पर एकता कपूर के लोकप्रिय शो 'जोधा अकबर' में सौंदर्य से दमकती जोधा के रूप में पसंद किया और सराहा... लेकिन मुगलकाल के शाही अंदाज को एक डेली सोप में पेश करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए और चेहरे पर गहरा मेकअप लगाकर गहनों से लदे लिबास पहनकर शूटिंग करते रहने के कारण वे अपने और अपने परिवार के लिए समय नहीं निकाल पा रही थीं। अब इस व्यस्तम दिनचर्या से थोड़ा वक्त निकालकर परिधि शर्मा अंतत: अपने करीबियों के संग कुल्लू मनाली पहुंच गई हैं।

मैं बहुत फूडी हूं
कुल्लू से परिधि ने हमें बताया 'इतने लंबे समय बाद ब्रेक मिलना बड़ी राहत की बात है। मुझे वाकई इसकी बहुत जरूरत थी। मैंने जाने से पहले कई अतिरिक्त घंटों तक काम किया और कुछ एपिसोड्स पूरे किए। मेरी योजना है कि कुछ समय मैं अपने परिवार के साथ बिताऊं, हालांकि यहां कुछ प्रशंसक मिले हैं जिन्होंने मुझे पहचान लिया है।'

ब्रेक के दौरान परिधि अपने पसंदीदा खाने का भी लुत्फ उठा रही हैं। परिधि कहती हैं 'मैं बहुत फूडी हूं। दुर्भाग्य से मुझे शो में हमेशा अकबर के लिए खाना पकाते दिखाया जाता है जबकि रियल लाइफ में मैं पहले खुद इसे खाना चाहूंगी। मुझे पढ़ने का भी बेहद शौक है।

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पति के साथ डांस शो
जहां इस शो में हमने इस अभिनेत्री को अकबर का ख्‍याल रखते हुए देखा है, वहीं उनका कहना है कि अपने पति के साथ वक्त गुजारना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। वह अपने पति के साथ एक रियलिटी शो में डांस करना चाहती हैं। वह कहती हैं 'मुझे डांस करना बहुत पसंद है जबकि उन्हें डांस पसंद नहीं है, लेकिन वे सीख जाएंगे। मैं उनके साथ शो करना चाहती हूं।'

रोमांटिक दृश्यों पर पति की प्रतिक्रिया
उनके ऑनस्क्रीन रोमांटिक दृश्यों पर उनके ससुराल वाले और उनके पति कितने सहज हैं? इस सवाल पर परिधि कहती हैं 'शुक्र है टीवी शोज में रोमांस उतना विस्तृत नहीं होता है, लेकिन हाल ही में मुझसे कुछ ऐसा करने के लिए कहा गया था जिसे करते हुए मैं सहज नहीं थी। ऐसे ही एक सीन को लेकर मैंने अपनी टीम को बताया था और उन्होंने मेरे फैसले पर कोई सवाल नहीं किया। मेरा परिवार समझता है कि यह मेरे काम का हिस्सा है और जब तक मैं अपनी हद पार नहीं करती तब तक उन्हें भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है।'

परिधि आगे बताती हैं कि उन्हें इस शो में सबसे अच्छी बात इसकी प्रेम कहानी लगती है। वह कहती हैं 'दो लोगों को एक साथ लेने के लिए प्यार बहुत जरूरी है और इसमें यह बात मायने नहीं रखती कि वे किस संस्कृति से वास्ता रखते हैं। यदि हम दूसरी संस्कृतियों का आदर नहीं करेंगे तो हमारा देश एक कैसे कहलाएगा?'

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