उसका इक दिन गुरूर टूटेगा

वह जो ठोकर लगाए पत्थर को
उसका इक दिन गुरूर टूटेगा
बैठ कर रोएगा मुक़द्दर को - अज़ीज़ अंसारी

वेबदुनिया पर पढ़ें